OASIS BLOG POST #3
धक-धक, धक-धक, धक-धक..... डर व रोमांच से
धड़कता हुआ दिल, माथे पर चमकती पसीने की बूंदें, चारों तरफ से हो रही गोलियों की बरसात से बचते हुए, एक इमारत से दूसरी इमारत पर कूदते हुए, अपने गंतव्य पर दुश्मन से पहले पहुँचने की विवशता, उस ‘टाइम मशीन’ के गलत हाथों में पड़ने से पहले ही उसे हथियाने की ललक
क्योंकि अब हमारे भविष्य को बचाने की क्षमता सिर्फ हमारे अतीत के पास है। ऐसी
अनगिनत कहानियाँ, अनगिनत लोग दिन में अनगिनत बार सोचते हैं। कुछ
इन्हें भूल जाते हैं तो कुछ इन्हें दुनिया से साझा कर तहलका मचा देते हैं।
ज़िंदगी के हर महत्वपूर्ण सफर की शुरुआत एक कहानी
से ही होती है, वही कहानी जो इस सफर पर आगे बढ़ते रहने में सबसे
बड़ा सहारा बन जाती है, क्योंकि वो कहानियाँ ही तो होती हैं जो स्वभाव
से जिज्ञासु व साहसिक मनुष्यों को, सत्य की खोज में
अपने पीछे दौड़ने पर विवश कर देती हैं और इन दर्दभरे व तन्हा रास्तों से गुजरते हुए
इंसान का शैतानी दिमाग उसके लिए एक नई दुनिया की ही रचना कर देता है। मनुष्य की
कल्पनाशीलता हमेशा ही कौतूहल का विषय रही है। कुछ तो ऐसा होता है इस काल्पनिक
दुनिया में कि ये आपको मंत्रमुग्ध कर देती है। आप इसमें इतना खो जाते हैं कि असली
दुनिया की सुध-बुध ही नहीं रहती। आप अपने आपको इसका एक अभिन्न हिस्सा समझने लगते
हैं। हैरी पॉटर में प्राण भक्षियों को मारना, ऐवेंजर बनकर दुनिया
को बचाना, पृथ्वी पर ट्रांसफॉरमर्स के सच्चे दोस्त साबित
होना, मध्य युग में बौनों और एल्वस के साथ मिलकर
ओर्क्स से लड़ना, ‘आयरन थ्रोन’ के लिए युद्ध करना, हम खुद को इन सब
किरदारों में देखने लगते हैं और यहीं से शुरू होता कहानियाँ गढ़ने और उनमें जीने का
हमारा अनूठा सफर।
बचपन से ही हम काल्पनिक किरदारों से प्यार करने
लगते हैं। शेरलोक होल्मस से लेकर ब्योमकेश बख़्शी तक, जॉन स्नो से लेकर
कर्ण तक तथा स्काउट से लेकर मिनी तक, इन सब किरदारों में
एक ऐसी गहराई है जिसके अंदर आप उतरते चले जाते हैं। छोटे बच्चे के लिए वो उसका ‘सुपरहीरो’ है जिसके जैसे बनने
का सपना वो देखने लगता है। बड़ों के लिए ये वो आदर्श दुनिया बन जाती है जहाँ
उनके पास आज़ादी होती है, ताकत होती है, जहाँ उन्हें किसी झूठ के पीछे नहीं छुपना पड़ता, वो जो हैं, वही वहाँ का
सर्वश्रेष्ठ होता है। हम एक कल्पना लोक से दूसरे कल्पना लोक का सफर
इतनी आसानी से तय करते लेते हैं जैसे लहरें एक तट से दूसरे तट का सफर तय करती हैं।
शायद हम उस युग को तलाश रहे होते हैं जहाँ हमें अपनापन मिलेगा।
पिलानी जैसी जगह में बिट्स का होना और फिर इस
कॉलेज के ‘कल्चरल फेस्ट- Oasis’ का, भारत का दूसरा सबसे बेहतरीन फेस्ट होना- यह अपने आप में
किसी परिकल्पना से कम नहीं है परंतु मनुष्य अपनी कल्पनाओं को यथार्थ बनाने के लिए ही तो जाने जाते हैं। जो आज से 1200 वर्ष
पूर्व कल्पनातीत था, वो आज की सच्चाई है तो इसमें क्या आश्चर्य है कि
आज हम जो सोचते हैं, वो हममें से बहुत से लोगों को एक नई कहानी-सा
प्रतीत होता है, परंतु शायद अगले 100 वर्षों में यही हकीकत होगा।
शायद इसी हकीकत को एक नया आयाम देने के लिए ही, एक पहल है इस वर्ष
की Oasis की थीम- ‘रेल्म्स ऑफ फिक्शन’।
#oasis_theme #realms_of_fiction #blogpost3 #fictions #GoT #harry_potter #hpcblog #hpcbitspilani #bits_cultural_fest