Sunday, March 14, 2010

ए.एस.पिल्लई से मुलाकात

ए.एस.पिल्लई

पेप द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान में कल दोपहर ब्रह्मोस एरोस्पेस के सी.ई.ओ., एम.डी., ए.एस.पिल्लई ने LTC में छात्रों को मिसाइल क्षेत्र में भारत के अभियान के बारे में बताया |
उन्होंने बताया कि कैसे विकसित देश अपनी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके विकासशील देशों के तकनीकी विकास पर कड़ी निगरानी रखते हैं व उसमें अड़चनें पैदा करते हैं | उनके अनुसार भारत उन ग्यारह देशों में से एक है जिसके पास 1000 किमी से ज़्यादा परास (रेंज) की मिसाइल है | भारत ने रूस के साथ मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण किया है जो ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाली, विश्व की एकमात्र मिसाइल है | और फिलहाल हाईपर-सोनिक मिसाइल का कार्य प्रगति पर है | ब्रह्मोस मिसाइल की गति, परिशुद्धता और उसकी अद्वितीय मारक क्षमता के कारण भारत इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन गया है | उनके अनुसार मात्र 150 मिलियन डॉलर की लागत से बनी यह मिसाइल 10 बिलियन डॉलर का बिज़नेस कर रही है और आज इसकी मांग न सिर्फ अपने देश में बल्कि पूरे विश्व में है |
उनका मानना है कि भारत के युवाओं में वह शक्ति है जो कुछ भी करने में सक्षम है | एक बार अमेरिका ने भारत को सुपर-कम्प्यूटर देने से इंकार कर दिया था तो भारत ने अपने अथक परिश्रम से मात्र दो वर्षों में ही उससे भी बीस गुना ज़्यादा तेज़ सुपर-कम्प्यूटर का निर्माण किया | उनके विचार से भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लिये हमें एकजुट होकर प्रयत्न करना होगा | अन्त में छात्रों की जिज्ञासा को शांत करते हुए भारत के राष्ट्रगान के साथ उन्होंने अपना व्याख्यान समाप्त किया |

No comments:

Post a Comment

आप क्या कहते है ?