दीक्षांत समारोह के पश्चात् स्वर्ण पदक विजेता ‘राघवेन्द्र प्रद्युम्न’ ने बिट्स में बिताए गए अपने 4वर्षों के समय को अपने जीवन का अब तक का सर्वश्रेष्ठ समय बताया और इसका श्रेय उन्होंने अपने मित्रों को दिया| चार वर्ष की पढ़ाई के दौरान उन्होंने प्रत्येक विषय में ‘A’ ग्रेड प्राप्त किया| इसके अतिरिक्त वे ‘आंध्र समिति’ के सदस्य व ‘EEE Assoc’ के समन्वयक रहे| उन्होंने ‘रिमोट लैब्स’, ‘ड्रेन बैमेज’ व ‘रोबोट’ से सम्बंधित प्रोजेक्ट पर कार्य किया जिसके कारण उन्हें GE FOUNDATION AWARD प्राप्त हुआ| चतुर्थ वर्ष में अपने सभी घनिष्ट मित्रों के साथ ‘राजामुंद्री’ का भ्रमण उनका सबसे यादगार समय है| पढाई में उत्तम प्रदर्शन का श्रेय वे इसके प्रति अपने समर्पण और श्रद्धा को देते हैं|
‘डिजिटल इलेक्ट्रोनिक’ व ‘कंप्यूटर आर्गनाईज़ेशन एनालॉग’ उनके प्रियतम विषय व ‘बैडमिंटन’ उनका पसंदीदा खेल रहा है| उनके अनुसार ‘अनुसंधान में वृद्धि’ बिट्स के लिए आवश्यक बदलाव है| उनका चयन ‘NVIDIA GRAPHICS’ में हुआ है, किन्तु वे कुछ समय कार्य करने के बाद VLSI में MS करना चाहते हैं | कक्षाओं में ऐच्छिक उपस्थिति के पक्षधर प्रद्युम्न बिट्सियन्स को नियमित कक्षाओं में जाने व क्लब एवं डिपार्टमेंट्स की गतिविधियों में भाग लेते रहने का सन्देश देते हैं |