दीक्षांत समारोह के बाद हिंदी प्रेस क्लब की मुलाक़ात सिल्वर मेडलिस्ट सुरभि गर्ग से हुई | चार वर्ष के उपरांत उनका CGPA 9.95 है व इस दौरान उनको सिर्फ एक ही विषय – माइक्रोप्रोसेसर प्रोग्रामिंग एण्ड इंटरफेसिंग (µP) में ‘B’ मिला | पढ़ाई के साथ-साथ सुरभि झंकार का भी हिस्सा थीं | इतने अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रेरणा के बारे में उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में उन्हें मैकेनिकल से इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रोनिक्स में ट्रांसफर लेना था और एक बार इतनी अच्छी CGPA हासिल करने के बाद वे हमेशा उसको बनाए रखना चाहती थीं | हालाँकि बिट्स से उनका कैम्पस प्लेसमेंट INTEL में हुआ था और वो टेक्निकल क्षेत्र में ही आगे जाना चाहती थीं लेकिन जब उन्होंने CAT की परीक्षा दी, जिसमें उन्हें 98.75 परसेन्टाइल प्राप्त हुई तो अंततः उन्होंने IIM-Bangalore चुना | जब हमने उनसे पूछा कि ऐसी क्या चीज़ थी जो वो बिट्स में हमेशा करना चाहती थीं पर कभी कर नहीं पाईं तो उन्होनें बताया कि वे एक बार क्लाक टॉवर के ऊपर चढ़ना चाहती थीं | उन्होनें ये भी बताया कि ओएसिस के दौरान बिताया गया समय उनके लिये बिट्स में बिताया गया सबसे सुंदर समय रहा और वो उसे हमेशा याद रखेंगी | उन्होंने बिट्सियन जनता के लिये यह संदेश दिया कि “Study Hard but Play Harder”....बिट्स में अपने पूरे समय को जी भर के जीयें’ |हिन्दी प्रेस क्लब, बिट्स पिलानी कैम्पस में हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए काम करता है..हमारे प्रकाशन कुछ इस प्रकार है- 1.) बॉसम हिन्दी प्रेस - "स्पर्धा" 2.) ओएसिस हिन्दी प्रेस - "प्रतिबिंब" 3.) अपोजी हिन्दी प्रेस - "सृजन" 4.) मासिक बिट्सियन समाचार पत्र - "प्रवाह" 5.) "वाणी" - बिट्स की एकमात्र हिन्दी वार्षिक पत्रिका | ज़्यादा जानकारी के लिए ब्लॉग पढ़ते रहिये।
Wednesday, August 31, 2011
सीधी बात... टॉपर्स के साथ : सुरभि गर्ग
दीक्षांत समारोह के बाद हिंदी प्रेस क्लब की मुलाक़ात सिल्वर मेडलिस्ट सुरभि गर्ग से हुई | चार वर्ष के उपरांत उनका CGPA 9.95 है व इस दौरान उनको सिर्फ एक ही विषय – माइक्रोप्रोसेसर प्रोग्रामिंग एण्ड इंटरफेसिंग (µP) में ‘B’ मिला | पढ़ाई के साथ-साथ सुरभि झंकार का भी हिस्सा थीं | इतने अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रेरणा के बारे में उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में उन्हें मैकेनिकल से इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रोनिक्स में ट्रांसफर लेना था और एक बार इतनी अच्छी CGPA हासिल करने के बाद वे हमेशा उसको बनाए रखना चाहती थीं | हालाँकि बिट्स से उनका कैम्पस प्लेसमेंट INTEL में हुआ था और वो टेक्निकल क्षेत्र में ही आगे जाना चाहती थीं लेकिन जब उन्होंने CAT की परीक्षा दी, जिसमें उन्हें 98.75 परसेन्टाइल प्राप्त हुई तो अंततः उन्होंने IIM-Bangalore चुना | जब हमने उनसे पूछा कि ऐसी क्या चीज़ थी जो वो बिट्स में हमेशा करना चाहती थीं पर कभी कर नहीं पाईं तो उन्होनें बताया कि वे एक बार क्लाक टॉवर के ऊपर चढ़ना चाहती थीं | उन्होनें ये भी बताया कि ओएसिस के दौरान बिताया गया समय उनके लिये बिट्स में बिताया गया सबसे सुंदर समय रहा और वो उसे हमेशा याद रखेंगी | उन्होंने बिट्सियन जनता के लिये यह संदेश दिया कि “Study Hard but Play Harder”....बिट्स में अपने पूरे समय को जी भर के जीयें’ |
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