Thursday, September 17, 2009

विशेष साक्षात्कार - सुश्री सुरभि मिश्रा

बॉसम 2009 की मुख्य अतिथि सुश्री सुरभि मिश्रा से हमारे संवाददाता ने बात की | प्रस्तुत हैं उसके कुछ मुख्य अंश -

प्रश्न :  पिलानी  तक  की आपकी यात्रा कैसी रही? एवं बिट्स पिलानी पहुँचने पर आप कैसा महसूस कर रही हैं?
उत्तर : जयपुर से पिलानी तक की यात्रा निश्चित रूप से लम्बी एवं उबाऊ थी | पर यहाँ  आकर मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा है| यहाँ आकर मैंने पाया कि यहाँ की सुविधाएं एवं मूलभूत ढांचा बाकी सभी समानान्तर संस्थानों से काफी बेहतर है | मेरे ख़याल से यह भारत में सर्वोत्कृष्ट हैं और बाहर के संस्थानों के भी समतुल्य हैं |

प्रश्न : मुख्य अतिथि बन ने  का आमंत्रण मिलने पर आपकी प्रतिक्रिया क्या रही?
उत्तर : दरअसल मैं उस वक़्त घर पर नहीं थी | यह सूचना मुझे अपने घरवालों से मिली | पहले तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ की बिट्स पिलानी ने मुझे आमंत्रित किया है क्यूंकि मुझे पता है की बिट्स पिलानी का क्या कद है | क्योंकि यहाँ दाखिला पाने के लिए मैंने बच्चों में जूनून देखा है |

प्रश्न : यहाँ के खिलाडियों एवं दर्शकों के उत्साह को आप कैसे आंकती हैं?
उत्तर : जितना अब तक  मैंने यहाँ देखा है, उसके हिसाब से तो खेलकूद को लेकर भी यहाँ के इन मेधावी छात्रों में उत्साह की कोई कमी नहीं है | यह निश्चित रूप से प्रशंसनीय है |

प्रश्न : भारत में स्क्वैश की वर्तमान स्थिति के बारे में आप  क्या कहना चाहेंगी? आज स्क्वैश सिर्फ बड़े लोगों का खेल माना जाता है | इसे आम आदमी तक लाने के लिए आप क्या सुझाव देना चाहेंगी?
उत्तर : स्क्वैश उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय नहीं है | पर जैसे हम दक्षिण की ओर जाते हैं या फिर मेट्रोस में यह काफी खेला जाता है | खासकर मुंबई, दिल्ली के कॉलेजों में खेला जाता है |  मेरा मानना है कि यदि इसे टीवी पर  प्रसारित किया जाये तो इसकी लोकप्रियता काफी हद तक बढ़ सकती है | जो भी खेल टीवी पर दिखाया जाता है, उसमें लोग रूचि लेते हैं और उसे खेलने की इच्छा उनमें जागृत  होती है | तो यदि इसे टीवी पर दिखाया जाए तो लोगों में इसकी रूचि निश्चित रूप से बढ़ सकती है | इसके अलावा प्रशासन को भी स्कूलों और कॉलेजों में इसके लिए मूलभूत ढांचा देना चाहिए ताकि हर तरह के लोग इसे खेल सकें |
स्क्वैश मुख्यतः जोशीले एवं फुर्तीले लोगों का ही खेल है | लोग फिट रहने के लिए खेलते हैं पर स्क्वैश खेलने के लिए आपको फिट होना चाहिए |

प्रश्न : अपने बारे में हमें कुछ बताएं |
उत्तर :  मैंने 11 वर्ष की उम्र से ही खेलना शुरू कर दिया था | एवं आठ महीने पश्चात ही जूनियर स्तर की विजेता थी | लोगों के कहने पर मुझे एहसास हुआ कि मैं वाकई अच्छा खेलती हूँ | तब मेरा शौक मेरे जूनून में परिवर्तित हो गया एवं आज यह मेरा प्रोफेशन है | बचपन से ही मेरे अंकल  मेरे कोच रहे हैं |

प्रश्न : वर्तमान में आप किन प्रतियोगिताएं पर ध्यान केन्द्रित कर रही हैं?
उत्तर :  पिछले दो सालों में मैंने बहुत नहीं खेला है | पर अब मैं मुख्यतः अपना ध्यान WISPA पर ही केन्द्रित कर रही हूँ | मैं कॉमनवेल्थ खेलों की संभावितों में शामिल हूँ और मेरा मुख्य ध्येय कॉमनवेल्थ और एशियन खेल ही हैं |

प्रश्न : बिट्सियन लड़कियों के लिए आपके फिटनेस टिप्स |
उत्तर :  मैं खुद सुबह डेढ़  घंटे और शाम को 3-4 घंटे के लिए अभ्यास करती हूँ | रोज़ का थोड़ा पैदल चलना एवं दौड़ना ही यहाँ की लड़कियों के लिए काफी है |

प्रश्न : बिट्सियन जनता के लिए आपका सन्देश |
उत्तर :  सबसे पहले तो मेरे लिए यहाँ आना ही गर्व की बात है | मैं यहाँ दोबारा ज़रूर आना चाहूंगी | साथ ही मैं लड़कियों से आग्रह करूंगी कि वे भी खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लें | और अंत में यही कहूँगी की हार-जीत उतनी ज़रूरी नहीं जितना खेलना |

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