अक्षरधाम को साक्षात् स्वरूप देने के कार्य में अग्रणी रहे स्वयंसेवी कल्पेश भट्ट ने भारत में आपदा राहत के लिए मदद से लेकर विश्वस्तरीय सांस्कृतिक त्योहारों के आयोजन जैसे बहुत से क्षेत्रों में काम किया है |
एक कंप्यूटर इंजीनियर रह चुके कल्पेश जी ने बिट्स पिलानी से भौतिकी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की| भारत में जन परोपकार के लिए वे अमेरिका में अपना काम छोड़ कर भारत आ गए| BAPS अक्षरधाम संस्थान में एक स्वयंसेवक के बतौर उन्होंने जो कार्य किये उनमें उन्होंने विज्ञान व अध्यात्म, परम्परागतता व आधुनिकता का भरपूर संयोजन किया|
भारत की सर्वप्रथम विशाल स्क्रीन(large-format IMAX) में फिल्म 'मिस्टिक इंडिया' के रचनात्मक निर्देशक व निर्माता के बतौर उन्होंने 108 स्थानों पर इसे फिल्माने के साथ-साथ 45,000 कलाकारों के दल का प्रबंधन भी किया| उनकी इस फिल्म में उन्होंने भारत की भौगोलीय व सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने के साथ ही विश्वास, बहादुरी व एकता का सन्देश भी दिया है| 'मिस्टिक इंडिया' का अब तक 13 देशों के 54 IMAX सिनेमाघरों में प्रदर्शन किया जा चुका है और इसे पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय ‘viewer’s choice’ पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है|
उन्होंने हाल ही विश्व प्रख्यात डिजाइनर Yves Pepin, ECA2 के साथ मिलकर भारत के सबसे खूबसूरत वाटर शो : 'सत-चित-आनंद' का निर्माण किया है | 45 मिनट के इस दर्शनीय प्रदर्शन में बेहतरीन तकनीक के द्वारा पानी, आग, विडियो एवं ध्वनी का इस्तेमाल करते हुए मृत्यु के समकक्ष एक बालक द्वारा दिखाए साहस और बुद्धिमानी पर आधारित एक पौराणिक घटना को दर्शाया गया है|
भारत से जुड़े विषयों पर आधारित फिल्मों व मल्टीमीडिया प्रदर्शनों का निर्माण व निर्देशन करते हुए कल्पेश जी को भारत के अतुल्य सांस्कृतिक धरोहर को करीब से समझने का मौका मिला| अपनी यात्रा, अनुसंधान, निरीक्षण व अनुभव से उन्हें सीखने की प्रेरणा मिलती है| इन दिनों कल्पेश जी हॉवर्ड विश्वविद्यालय से दक्षिणी एशियाई शिक्षा के क्षेत्र में पढ़ रहे हैं|
अक्षरधाम प्रारूप व योजना प्रबंधन समिति के महतवपूर्ण सदस्य होने के नाते कल्पेश स्वामीनारायण अक्षरधाम की रचना की दिलचस्प कहानी, जो की इस इमारत जितनी ही खूबसूरत व प्रेरणादायक है, में शरीक है|
No comments:
Post a Comment
आप क्या कहते है ?