Monday, October 20, 2008

यूफोरिया - एक यूफोरिक सोच



















यूफोरिया
- दिमाग में एक ऐसी स्थिति जब इंसान की रचनात्मकता अपने सर्वोच्च रूप में उभर कर आती है और इस परिभाषा को बिल्कुल सही साबित करते हुए यूफोरिया आज लोगों के दिल-ओ-जां में बस चुका है | यही वह पहला बैंड है जिसने HINDROCK जैसे परिकल्पना को सार्थक कर दिखाया था | इन्होनें इलैक्ट्रिक गिटार, तबला, ढोलक, और सितार का इतना सुगम संगम किया कि लोग बस सम्मोहित ही हो गए |

उन्होंने अरेना, स्टेडियम, कॉलेजों, स्कूलों, इंडिया गेट, कनौट प्लेस से लेकर नेपाल, श्रीलंका, दुबई, कनाडा, मॉरिशस, अमेरिका और यूनाइटेड नेशन के जनरल असेम्बली हॉल में अपनी ज़बरदस्त प्रस्तुति दी है |
बैंड अपनी उत्पत्ति के बाद काफ़ी बदल गया है लेकिन 1998 के बाद काफ़ी संतुलित है | यूफोरिया लोगों के बीच "धूमर्स" के नाम से जाने जाते हैं क्योंकि उनकी तीन एल्बम का नाम भी "धूम", "फ़िर धूम" और "री-धूम" है | इसके अलावा "महफूज़" और "गली" इनके दो और एल्बम रहे हैं |
फिलहाल इस बैंड में :
* पलाश
* हितेश
* देबोजीत भादुरी
* बेंजामिन पिंटो
मौजूद हैं | इसके अलावा अब बैंड में पूर्तिकार [बैक-अप] के रूप में अब लड़कियों को भी शामिल किया गया है |

आशा करते हैं की इस ओएसिस "यूफोरिया" एक "यूफोरिक" अनुभव के साथ हम सब को तर-बतर करके जाएगा |

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