Tuesday, March 8, 2011

प्री-फ़ेस्ट अतिथि व्याख्यान


 मैं मुख्यतः यूरोप में ही मार्केटिंग करना चाहता था क्योंकि मुझे लगता था कि भारत में बहुत भ्रष्टाचार है | सन् 1990 में मुझे बोईंग के प्रेसिडेंट ने इस शर्त पर एक वर्ष के लिए भारत में काम करने भेजा कि पसंद न आने पर वे मुझे वापस यूरोप बुला लेंगे |हालाँकि उस समय मैं बेमन से यहाँ आया था पर आज देखिये – … मुझे यहाँ पर 1 नहीं पूरे 21 वर्ष हो चुके हैं….और भारत से मेरा लगाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है…| ऐसा है हमारा देश भारत 
-दिनेश केसकर
      5 मार्च की संध्या को बिट्स पिलानी का यह अद्भुत प्रांगण उस वक्त खिल उठा जब बोईंग इंडिया के प्रेसिडेंट, श्री दिनेश केसकर ने पिलानी की धरती पर कदम रखा| चमत्कारी प्रतिभा, अदम्य आत्मविश्वास एवं अतुलनीय दूरदर्शिता के धनी श्री केसकर जी के आगमन से पूरा वातावरण प्रकाशमय हो गया| बिट्स के वार्षिक अन्तर्राष्ट्रीय तकनीकी महोत्सव “अपोजी” के 29वें संस्करण में श्री दिनेश केसकर के प्री-फ़ेस्ट व्याख़्यान का आयोजन किया गया |
      “फ़्लाइंग सेल्समैन” के नाम से प्रख्यात श्री केसकर जी किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं| नागपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज VNIT से स्नातक की उपाधि ग्रहण करने के पश्चात सिनसिनाटी विश्वविद्यलाय, अमेरिका से महान अंतरिक्ष यात्री “नील आर्मस्ट्रांग” के सानिध्य में पी.एच.डी. कर, सन् 1980 में बोईंग मे कदम रखते हुए उन्होंने अपने स्वर्णिम सफर का आगाज़ किया| न सिर्फ नयी तकनीकों का प्रयोग करके अपितु बाज़ार की नब्ज़ को पहचानकर उन्होंने बोईंग के सैकड़ो विमानों को आकाश तक पहुँचाया है| वर्तमान में श्री केसकर बोईंग के प्रेसिडेंट होने के साथ-साथ भारत-अमेरिका व्यापार संगठन के भी अहम सदस्य हैं|
      बिट्स के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के समक्ष जब श्री केसकर ने अपना लेक्चर प्रारंभ किया तो उनका उनका मुख्य विषय था बोईंग का नयी और विकसित तकनीकों से लैस अतिअपेक्षित विमान “बोईंग 787”| लेक्चर के दौरान उन्होंने इस विमान से जुड़ी सूक्ष्मतः जानकारी भी प्रस्तुत की और इसकी अपार सफलता के राज़ खोलते हुए बताया कि अभी तक एक भी विमान का निर्माण कार्य खत्म न होने के बावज़ूद भी उनके पास 850 विमानों के लिए ऑर्डर आ चुके हैं | श्री केसकर ने बताया कि नवीनता और रचनात्मकता ही बोईंग की कार्य संस्कृति के आधार स्तंभ हैं| वर्तमान समय की सर्वश्रेष्ठ विमान निर्माण कंपनी, बोईंग के पास 96 एकड़ का एक निर्माण कक्ष है जो एक विश्व रिकॉर्ड है| बोईंग की इन सभी कामयाबियों में डॉ. केसकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है|

लेक्चर के अंत में हमने डॉ. दिनेश केसकर से कुछ प्रश्न किये जिसका कुछ अंश इस प्रकार है:
प्र.) बाज़ार में एक बोईंग 787 विमान की कीमत कितनी है ?
डॉ. केसकर – (मुस्कुराते हुए) - अगर आप बोईंग विमान खरीदने के इच्छुक हैं तो आप मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं | इस विमान की कीमत 190 मिलियन यू.एस. डॉलर है | लेकिन, अगर आप आज अपना विमान बुक करते हैं तो वो आपको 2019 में मिलेगा |
प्र.) सर, विदित है कि आपने नील आर्मस्ट्रांग के सानिध्य मे पी.एच.डी. की है | उनके साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा?
डॉ. केसकर - आज तक केवल 6 लोगों को उनके साथ कोई पाठ्यक्रम करने का अवसर मिला है और इसी वजह से मैं स्वयं को बहुत खुशकिस्मत मानता हूँ| वे अत्यंत ज्ञानी परन्तु कुछ शर्मीले स्वभाव के व्यक्ति हैं| ऐसे प्रेरक चरित्र से ज्ञान अर्जित करना वाकई संतुष्टि प्रदान करता है|
प्र.) भारतीय शिक्षा पद्धति से आप कहा तक संतुष्ट हैं?
डॉ. केसकर - यह मान्य तथ्य है कि भारतीयों में अद्भुत प्रतिभा निहित है, परन्तु निजी तौर पर मेरा मानना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों पर अत्यधिक दबाव रहता है जिसके चलते वे अपने कौशल का सम्पूर्ण उपयोग करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं| अतः जिस दिन भारतीय छात्र स्वच्छन्द दिमाग से ज्ञानार्जन करेंगे उस दिन भारत का विकास दुगनी तेज़ी से होने लगेगा|
प्र.) एक इंजीनीयर के रूप में बोईंग में शामिल होने के बाद आपको सेल्स और मार्केटिंग जगत में जाने की प्रेरणा कहा से मिली?
डॉ. केसकर - एक ‘एक्सपो’ प्रतियोगिता में चुने जाने के बाद मुझे बोईंग के अन्य विभागों के साथ काम करने का अवसर मिला और तभी मुझे एहसास हुआ कि देश से इतनी दूर मैं सिर्फ एक इंजिनियर बनकर नहीं रहूँगा और मैंने व्यापारजगत में भी कदम रखना चाहा| शुरुआत में मुझे यह कहकर इजाज़त नहीं मिली कि मैं एक पी.एच.डी. हूँ और मुझे तकनीकी कामों तक ही सीमित रहना चाहिए परन्तु जब व्यक्ति में किसी बात के लिए जूनून होता है तो वो कभी ना नहीं सुन सकता और इसलिए फिर मैंने एम.बी.ए. की डिग्री हासिल करके अंततः अपना कार्यक्षेत्र विस्तृत किया|

      इस प्रकार श्री केसकर जी ने अपने अविस्मरणीय कार्यकाल का अनुभव हम लोगो से बांटा और ऐसे प्रेरक शख्स के मुख से ज्ञान की बौछार पाकर हर विद्यार्थी झूम उठा|
इस व्याख्यान के सफल आयोजन के लिए ज़िम्मेदार पेप (डिपार्टमेंट ऑफ पेपर इवेलुएशन एवं प्रेजेंटेशन) के कॉस्टन – दीपक सिंह ने कहा कि श्री दिनेश केसकर जी का आगमन तो सिर्फ आगाज़ है....बिट्स के टेक फेस्ट- “अपोजी” के दौरान इस प्रांगण में और कई विस्मयकारी प्रतिभाएं शिरकत करेंगी....जिनमें अदृश्य मानव – ‘क्रिस फिलिप्स’, साई-फ़ाई लेखक ‘रेशल आर्मस्ट्रांग’, स्ट्रिंग थियोरिस्ट ‘शिराज़ मिनवाला’ नोकिया 888 के डिज़ायनर – तमेर नाकिसी आदि का नाम उल्लेखनीय है|
ऐसी हस्तियों की उपस्तिथि में आने वाले “अपोजी 2011” से और भी अधिक उम्मीदें जाग रही हैं और दिल से यह भाव निकल रहा है-
ये माना कि नज़ारे हसीन हैं...पर इन चंद पलों से खुद को संतुष्ट मत करना...||

ये इब्तेदा है दोस्तों अंत नहीं...अपनी नज़रें अभी बंद मत करना ||

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