Friday, October 22, 2010

ओएसिस २०१०

इन्तेज़ार की घड़ी समाप्त होने को आ रही है | आज है – 22 अक्टूबर !! आज इस देश के सबसे प्रख्यात इंजीनीयरिंग कॉलेजों में शुमार बिट्स पिलानी का कल्चरल फेस्टिवल “ओएसिस” अपने चालीसवें संस्करण में प्रवेश करेगा | वैसे तो अभी उद्घाटन समारोह में चंद घंटे शेष हैं किन्तु इस बार की थीम “इन्सोम्निया” ने हमारे जीवन पर अपना असर दिखाना आरम्भ कर दिया है |शुरू में अटकलें लगाईं जा रहीं थीं कि इस बार आई.आई.टी. दिल्ली व कानपुर के फेस्ट भी इसी टाइम होने से ओएसिस की प्रतिभागिता कम होगी लेकिन इस बार तो पिछले वर्ष के 1100 प्रतिभागियों के बदले 1400 प्रतिभागी आ रहे हैं | ओएसिस की भव्यता का इससे बड़ा प्रमाण और क्या होगा कि पूरे देश भर से 88 कॉलेज अपना पंजीकरण सुनिश्चित करा चुके हैं |
इस ओएसिस के अभी तक के कुछ ख़ास तथ्य -
  • थीम – इन्सोम्निया
  • कुल इवेंट्स – 67 + तीन प्रौफ़ शो |
  • प्रौफ़ शो में – विशाल-शेखर, एहसान कुरैशी, कुमार विश्वास, मदर जेन, भयानक मौत |
  • डांस वर्कशॉप के लिए बॉस्को-सीज़र डांस कंपनी |
  • कुल प्रायोजन राशि – करीब 25 लाख रूपये |
  • बजट – करीब 50 लाख रूपये |
  • 88 कॉलेजों से करीब 1400 प्रतिभागी |
  • मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा – फ़ैश पी की जज
  • कैम्पस में जादूगरों का खेल
  • रॉकटेव्स को प्रोफेशनल लुक देने के लिए धुएँ का प्रयोग |
  • थीम के अनुरूप – रात को अधिक इवेंट्स – जैसे ट्रेज़र हंट व एस्ट्रो क्लब द्वारा “स्काई वॉचिंग सेशन”
  • स्ट्रीट डांस में एक रैप क्रू – “Triple Aces” प्रदर्शन करेगा |
  • स्टेज व स्ट्रीट प्लेज़ के लिए थेस्पो 12 से संगठन |
ओएसिस के सभी इवेंट्स का समय देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – http://www.bits-oasis.org/2010/oasis_2010_schedule.pdf

Friday, September 17, 2010

“ये मस्त श्री लंकंस हैं"

बॉसम को अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा बनाने वाली श्री लंका से आई मोरातुवा यूनिवर्सिटी की टीम से बॉसम हिंदी प्रेस की बातचीत के कुछ अंश :-

प्र. आपकी पिलानी तक की यात्रा कैसी रही ?

उ. श्री लंका से चेन्नई होते हुए दिल्ली तक के आसान सफ़र के पश्चात् ख़राब सड़को की वजह से दिल्ली से पिलानी तक का हमारा सफ़र कठिन रहा |

प्र. क्या आप भारत की किसी प्रतियोगिता में पहली बार भाग ले रहे हैं ?

उ. नहीं, इससे पहले भी एक बार हम P.E.S इंस्टिट्यूट बेंगलुरु जा चुके हैं |

प्र. क्या आपको बिट्स द्वारा बॉसम में पहली बार आमंत्रित किया गया है ?

उ. हाँ, हमें बॉसम में पहली बार आमंत्रित किया गया है |

प्र. आप कितने प्रतिभागी है और किन किन खेलों में भाग ले रहे हैं ?

उ. हम 17 पुरुष व् 4 महिला प्रतिभागी हैं जो कि बेडमिन्टन , टेबल टेनिस और तैराकी में भाग ले रहे हैं |

प्र. यहाँ की व आपके इंस्टिट्यूट की खेल कूद सुविधाओं में आपने क्या अंतर महसूस किया ?

उ. यहाँ पर खेल की संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध है परन्तु हमें कुछ खेल जैसे टेबल टेनिस की व्यवस्था थोड़ी अव्यवस्थित लगी | हमारे इंस्टिट्यूट में भी कई खेलो के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं |

प्र. बिट्स पिलानी द्वारा दी गयी सुविधाओं के बारे में आपका क्या विचार हैं ?

उ. हम यहाँ की ठहरने की सुविधाओं से संतुष्ट है लेकिन हमारे यहाँ व यहाँ के खान-पान में बहुत अंतर होने के कारण हमें खाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है |

प्र. क्या आप यहाँ के वातावरण में सहज महसूस कर रहे है ?

उ. यहाँ के वातावरण में हम सुखद महसूस कर रहे हैं | चारों ओर हरियाली देख कर आनंद आ रहा है |

प्र. आपको बिट्स कैसा लग रहा है ?

उ. बिट्स का कैम्पस काफी बड़ा है | चूँकि अभी हमें यहाँ एक ही दिन हुआ है, हमने ज़्यादा कुछ देखा नहीं है | आने वाले 4 दिनों में हम कैम्पस व आसपास की जगहों पर घूमना चाहेंगे विशेषकर बिरला संघ्रालय |

प्र. आपको किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ?

उ. हिंदी भाषा न आने के कारण स्थानीय लोग जैसे मेस के लोग, ऑटो वाले आदि से संवाद करने में दिक्कत हो रही है | यातायात साधनों की भी कमी महसूस हो रही है | आज हमें हमारे अभ्यास सत्र के समय पंजीकरण (रेजिस्ट्रेशन ) के लिए बुला लिया गया जिसके कारण हम अभ्यास नहीं कर पाए | हम ओर अच्छे समन्वय की आशा करते हैं |

प्र. आप कुछ और सुझाव इत्यादि देना चाहेंगे ?

उ. हम अगले बॉसम के लिए सुझाव देना चाहते हैं कि अगर प्रतिभागियों के मनोरंजन के लिए डी. जे.रात्रि का आयोजन किया जाये तो इसे और सफल व मनोरंजक बनाया जा सकता है | बाहर से आये हुए प्रतिभागियों के लिए इन्टरनेट सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए | हम बिट्स के विद्यार्थियों से मदद की उम्मीद रखते हैं | अंत में हम यही आशा करते है कि बिट्स हमें अगले वर्ष भी आमंत्रित करेगा |

बॉसम 2010 का शानदार आगाज़

बॉसम 2010 का शानदार शुभारंभ आज जिम-जी में हुआ | सायं 7.30 बजे तक सभी प्रतिभागी तथा समूची बिट्सियन जनता एकत्रित हो गयी थी | कार्यक्रम के प्रारंभ में सेक्रेटरी, जॉइंट सेक्रेटरी तथा कोसकन्स के परिचय के बाद सभी कॉलेजों की टीमों को बास्केटबाल कोर्ट में बुलाया गया | इसके बाद स्पोर्ट्स सेक्रेटरी विशाल अग्रवाल ने बॉसम के अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने के लिए ख़ुशी जताई और सभी खिलाड़ियों और मेहमानों का धन्यवाद करते हुए खेलों के बेहतरीन आयोजन की कामना की |
इसके बाद मुख्य अतिथि अर्जुन पुरस्कार विजेता गोपाल सैनी जी ने खेलों के महत्त्व पर प्रकाश डाला | उन्होंने सचिन तेंदुलकर और पी.टी उषा का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा के साथ साथ खेल कूद एवं व्यायाम भी आवश्यक है तथा खेल जगत में प्रतिभा भी आपको सफलता के शिखर तक ले जा सकती है | साथ ही उन्होंने 70-80 के दशक से अभी तक खेलों की स्तिथि में अत्यधिक सुधार के बारे में भी सूचना दी और कहा कि अब खेलों का स्तर काफी ऊँचा हो गया है | अंत में उन्होंने सभी खिलाड़ियों को संघर्षशील बनने की प्रेरणा दी | इसी के साथ स्पोर्ट्स सेक्रेटरी ने सभी प्रतिभागियों को उनके साथ खेल शपथ लेने के लिए कहा |
जनता में हलचल तब मची जब डांस क्लब ने अपने मनमोहक करतब दिखाने आरम्भ किये | सभी ने उनके उम्दा नृत्य का लुत्फ़ उठाया | सी.सी.टी.वी द्वारा बॉसम के कुछ प्रायोजकों के विज्ञापन भी प्रसारित किये गए | जॉइंट सेक्रेटरी अनुभा जैन ने धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सभी उपस्थित अतिथि डॉ.बी.वी बाबू, डॉ. राजीव गुप्ता, चीफ वार्डेन एस.के. वर्मा तथा गोपाल सैनी का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया | परन्तु जैसा कि कहते हैं कि ‘पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त’, वही आज इस उद्घाटन समारोह में भी हुआ | अंत में हुई रंग बिरंगी आतिशबाजी से समूचा आसमान जगमगा उठा और इसने सभी का मन मोह लिया |
इसके बाद बिट्स पिलानी व सेंट मार्टिंस, मुंबई के बीच मैत्री बास्केटबाल मैच भी हुआ | इस अत्यंत रोमांचक मुकाबले का अंत बराबरी पर हुआ |

बॉसम मुख्य अतिथि – ‘ एक मुलाकात'

बॉसम 2010 के मुख्य अतिथि थे श्री गोपाल सैनी |
प्रस्तुत हैं उनसे हमारी बातचीत के कुछ अंश |

बी.एच.पी : हम बिट्स पिलानी में आपका स्वागत करते हैं |
श्री सैनी: धन्यवाद |

बी.एच.पी : बॉसम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रण पर आपकी प्रतिक्रिया क्या थी और बिट्स तक आपकी यात्रा कैसी रही?
श्री सैनी: मुझे गत वर्ष भी बॉसम पर आमंत्रण मिला था किन्तु किसी अनिवार्य कार्यवश मैं यहाँ आ न सका | किन्तु बिट्स एवं बॉसम की प्रसिद्धि हमेशा से आकर्षण का स्रोत रही हैं और इसलिए मैं यहाँ आकर अति प्रसन्न हूँ | यहाँ तक की यात्रा काफी कुशल रही |

बी.एच.पी : एथलेटिक्स से आपके लगाव ने आपको अर्जुन अवार्ड तक पहुँचाया ,लेकिन इसकी शुरुआत कहाँ से हुई तथा जीवन में आपके प्रेरणा स्रोत कौन रहे हैं ?
श्री सैनी : मैं अपने छात्र जीवन से ही एथलेटिक्स के प्रति काफी उत्साहित रहता था | प्राथमिक कक्षाओं में जब था, तब अपने प्रवर छात्रों को खेलते देख काफी प्रेरणा मिलती थी और एथलेटिक्स में कुछ कर दिखाने की इच्छा मन में उठी | तभी से ही प्रयास आरम्भ कर दिए | मैंने अपने घर के समीप स्थित रेलवे लाइन के बगल में ही, एथलेटिक ट्रैक के समान दौड़ना शुरू किया और खूब अभ्यास किया | इसके बाद स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर प्रदर्शन किया और उपलब्धियां अर्जित कीं | मैंने सर्वप्रथम कालीकट में इंटर यूनीवर्सिटी स्पोर्ट्स में बड़ी प्रतियोगिताएं जीतीं तथा फिर कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा |

बी.एच.पी : टोक्यो में 1981 में ‘स्टीपलचेज़ रेस‘ में आपने भारत की ओर से राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया | इस बात का हमें फक्र है | इस अवसर का आपके जीवन में क्या महत्व है ?
श्री सैनी : जीवन में जब एथलेटिक्स को अपना लक्ष्य बनाया तभी से कुछ शानदार करने की तमन्ना थी | इन खेलों में मैंने अपने लक्ष्य के कुछ पहलुओं को पूरा करने की पुरज़ोर कोशिश की और आशानुरूप अच्छा फल भी मिला | इस मौके का मेरे लिए अद्वितीय महत्व है जहाँ मैं अपने देश को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर आगे ले जाने में छोटा सा किरदार निभा सका | यह अवसर मेरे जीवन में बहुत प्रेरणादायक रहा है | इसी प्रेरणा ने मुझे अन्य एशियाडों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित रखा |

बी.एच.पी: 1980 में ‘ मॉस्को समर ओलंपिक्स ‘ में भारत की ओर से प्रतिभागिता करना कैसा अनुभव था ?
श्री सैनी : ओलंपिक्स, खेलों का महाकुम्भ है और इनमें एक प्रतिभागी के तौर पर जाना किसी स्वप्न से कम न था | वर्षों का प्रयास और प्रबल इरादों ने मुझे वहाँ पहुँचाया और मैं काफी प्रसन्न और गौरवान्वित महसूस कर रहा था | वहाँ अन्य देश के श्रेष्ठ खिलाड़ियों से मुलाकात एवं मुकाबले से मन को हर्ष हुआ और काफी कुछ सीखने को भी मिला |

बी.एच.पी: आप के अनुसार बॉसम जैसे खेल उत्सवों का क्या महत्व होता है ?
श्री सैनी: इस प्रकार के खेल उत्सवों से विभिन्न कॉलेजों के छात्रों को आपस में मिलने-जुलने और मित्रता करने का अवसर मिलता है | साथ ही उन्हें अन्य खिलाड़ियों की संस्कृतियों के विषय में पता चलता है | और सबसे मुख्य बात ये छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं | आज के इस तनाव भरे जीवन में खेल कूद एक सुगम विकल्प प्रदान करते हैं | शरीर तो स्वस्थ रहता ही है , इनसे छात्रों में एक स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना आती है और उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलता है |

बी.एच.पी: आज देश में खेलों की दशा पर आप क्या टिप्पणी करेंगे ? क्या आप के विचार से IPL और अधिकाधिक क्रिकेट ने अन्य खेलों को प्रभावित किया है ?
श्री सैनी : आज अन्य खेलों की स्थिति के लिए खेल एवं खिलाड़ी दोनों जिम्मेदार हैं | जहाँ लोगों ने खेलों को आर्थिक लाभ का ज़रिया बना लिया है वहीं खिलाड़ी भी रातोंरात नाम और शौहरत की चाहत रखने लगे हैं | उन्हें समझना चाहिए की अन्य खेलों पर भी बराबर ध्यान से ही हम आगे बढ़ सकते हैं और देश को अंतर्राष्ट्रीय खेलों में आगें ले जा सकते हैं | खिलाड़ियों के लिए अन्य खेलो में भी पर्याप्त अवसर हैं, ज़रूरत है तो बस अपनी प्रतिभा पहचानने की, प्रयास और मज़बूत इरादों की | हमें सभी खेलों को जीवंत रखना है और खेलों को आर्थिक लाभ का ज़रिया नहीं बनने देना है |

बी.एच.पी : एक खिलाड़ी के तौर पर, आप के अनुसार, ‘कॉमनवेल्थ गेम्स ‘ का आयोजन भारत के लिए कैसा अवसर है ?
श्री सैनी : यह एक सुनहरा अवसर है | अन्तराष्ट्रीय स्तर के एरीना और कोर्ट्स तैयार किए गए हैं | आशा है कि हमें भारतीय एवं विदेशी खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा | इन खेलों से भारत सम्पूर्ण विश्व को एकता और खेलभावना का पैगाम दे सकेगा |

बी.एच.पी : आपने अपने बेशकीमती समय से हमारे लिए दो क्षण निकाले, इसके लिए धन्यवाद |

Sunday, September 5, 2010

मरुधरा नाईट - "रंगबरी"

अगस्त माह के प्रारम्भ से ही बिट्स कैम्पस में चारों ओर यह चर्चा आम थी कि इस सत्र की पहली असॉक नाइट कितनी प्रभावशाली और मनोरंजनकारी होगी | अंततः जब 26 अगस्त की रात को 8 बजे “मरुधरा” की सांस्कृतिक नाईट “ रंगबरी ” आरम्भ हुई तो आशा अनुरूप एक बड़ी जनसंख्या इस समारोह को देखने पहुँची |

समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व एस.डब्ल्यू. डी. डीन - श्री बी.वी.बाबू के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया | इसके पश्चात प्रकाश व चिराग ने “बिन तेरे” गीत से इस नाईट की धमाकेदार शुरुआत की | तत्पश्चात् “आई हेट लव स्टोरीज़’’ पर किये गए नृत्य ने सम्पूर्ण सभागार को प्रफुल्लित और आह्लादित कर दिया |

आरम्भ में कलाकारों, मुख्यतः प्रथम वर्ष के कलाकारों के मन में हिचकिचाहट और भय साफ़ नज़र आ रहा था क्योंकि इतनी बड़ी बिट्सियन जनता के समक्ष गलतियों की गुंजाइश न्यून करना काफी कठिन होता है परन्तु फिर भी मंच पर कलाकारों की परिपक्वता दर्शनीय थी तथा जिस सम्पूर्णता के साथ वे अपने हुनर की प्रस्तुति कर रहे थे , वह वास्तव में सराहनीय थी |

कुछ और बेहतरीन मंचनों के बाद समय था “चाचू” माईम का | हालांकि पूरी माईम में दोहरे अर्थ वाले अनेक वाक्यांशों का प्रयोग किया गया था लेकिन इसके मंचन के दौरान और पश्चात् जनता ने अपने मनोरंजन का प्रमाण अपनी अविरल तालियों से दिया | फिर मंच पर आई “चिराग” और “निशांत” की जोड़ी ; जिन्होंने महान पार्श्व-गायक मो. रफ़ी के कई ऐतिहासिक गानों पर गायन और वादन की जो छटा पेश की, वो भुलाई नहीं जा सकती | मनोरंजन के इस कारवां को बढ़ाने का काम किया “बेव- 3डी” और “फर्स्ट लव” नामक प्रस्तुतियों ने | बीच बीच में जनता ने “इन्क़लाब ज़िंदाबाद” और “भारत माता की जय” जैसे नारे लगाकर पूरे ऑडी में देशभक्ति की एक लहर सी दौड़ा दी |

“स्टेप अप” पर किये गए शानदार हिप- हॉप नृत्य ने तो जैसे पूरे समां को एक पल के लिए थाम सा लिया | इस प्रस्तुति पर पूरी दर्शक-दीर्घा खुशी से झूम उठी | इसके बाद निशांत, अंकुर और समग्र की तिकड़ी ने जब ‘आयशा’ फ़िल्म का “शाम” नामक गीत गाया तो उसकी प्रशंसा तहेदिल से हुई और पूरी जनता ने उनके साथ “पारा – पारा” गाते हुए उनका भरपूर साथ दिया |

दिल तो बच्चा है जी” पर स्वप्निल, रॉबिन और सुरभि द्वारा किये गए नृत्य को भी काफी सराहा गया |

कुल मिलाकर सत्र की पहली “नाईट” काफी मनोरंजनकारी सिद्ध हुई | महज़ 25 दिनों के अंदर ही तैयारियां करके मरुधरा ने यह काबिले-तारीफ़ नाईट प्रस्तुत की और अंततोगत्वा बिट्स में होने वाली विभिन्न साँस्कृतिक गतिविधियों का प्रथम अध्याय सफलतापूर्वक समाप्त हो गया |

Saturday, August 28, 2010

स्पिक-मैके

23 अगस्त को बिट्स का ऑडी विभिन्न रूप के शास्त्रीय संगीत के अद्भुत समागम से गूँज उठा | SPICMACAY ने नॉर्वे के बहुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित शास्त्रीय बैंड “स्ट्रिंग्स अनलिमिटेड” को आमंत्रित किया | स्ट्रिंग्स अनलिमिटेड की चार महिला कलाकारों ने अनेक पश्चिमी संगीतकारों की धुनों पर संगीत का अद्भुत प्रदर्शन कर सभी दर्शकगण को मंत्रमुग्ध कर दिया |

इस ग्रुप के कलाकारों “क्रिस्टीन कार्लोसन, क्रिस्टीन जेर्डेस स्कजोलास, एनी बीट्रीक्स लैंग्मोइन व क्रिस्टीन बेग्जेर्डे” ने वायलिन पर शानदार संगीत की प्रस्तुति देकर खचाखच भरे सभागार में बैठे सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया | उन्होंने जब मोज़ार्ट की धुन प्रस्तुत की तो ऑडी का हर कोना संगीत की भव्य खुशबू से महकने लगा | “सारे जहां से अच्छा - हिन्दोस्तां हमारा” गाने की धुन पर जनता ने कलाकारों को तालियों के रूप में अपना प्यार दर्शाया | नॉर्वेजियन कलाकारों का अपने शास्त्रीय संगीत की तरफ रुझान, और उनकी धुनों की पकड़ व सुर एवं लय की समझ तथा उनका अपने संगीत को प्रदर्शित करने का जज़्बा मंच पर साफ़ नज़र आ रहा था | सबसे रोचक बात यह थी की नॉर्वे के कलाकार होने के बावजूद उन्होंने भारतीय शैली की पोशाक पहनकर मंच पर अपनी आश्चर्यचकित प्रस्तुति दी |

SPICMACAY के इस समारोह मे यह झलकता है कि पश्चिमी रॉक संगीत के मध्य शास्त्रीय संगीत भी एक गुलाब की पंखुडी की तरह अपनी महक सदियों तक फैलाता रहेगा |


Monday, August 23, 2010

कॉन्क्वेस्ट 2010


कॉन्क्वेस्ट 2010 - एक दो दिवसीय बिजनेस प्लान प्रतियोगिता का 21 अगस्त 2010 को बिड़ला विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी संस्थान पिलानी में भव्य उद्घाटन हुआ | 2002 से बिट्स में प्रतिवर्ष होने वाले इस कार्यक्रम का सातवाँ संस्करण सी.ई.एल. व एन.ई.एन. द्वारा आयोजित किया जा रहा है | इस दो दिवसीय कार्यक्रम में बिजनेस प्लान प्रतियोगिताओं के अलावा देश भर की जानी मानी हस्तियों द्वारा व्याख्यान दिए जा रहे हैं | इसमें भारत के अलग-अलग प्रान्तों के बीस से अधिक कॉलेजों से आये 54 प्रतिभागियों के अलावा वेंचर केपिटलिस्ट व प्रायोजक एजेन्सी भी हिस्सा ले रही हैं |

इस मौके पर मुख्य अतिथि - लोकसत्ता पार्टी के संस्थापक व देश के जाने हुए राजनीतिज्ञ “डॉ. जयप्रकाश नारायण”, म्यू-सिग्मा कंपनी के सी.ई.ओ. श्री धीरज राजाराम, व बिट्स पिलानी के निदेशक डॉ. जी. रघुरामा ने दीप प्रज्ज्वलित करके उद्घाटन किया | उद्घाटन के पश्चात डॉ. जयप्रकाश नारायण ने स्वरोजगार व उद्यमिता के विकास में सरकार की भूमिका के विषय पर खचाखच भरे लेक्चर हॉल को संबोधित किया और उन्होंने बताया कि आज से तीन शताब्दी पूर्व, भारत विश्व के सबसे धनी देशों में से एक था, लेकिन 1991 तक भारत का ग्लोबल जी.डी.पी. में हिस्सा 25 प्रतिशत से घटकर मात्र एक प्रतिशत रह गया | उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कई वर्षों से भारत की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है और ग्लोबल जी.डी.पी. में भारत का हिस्सा बढकर 2.2 प्रतिशत हो गया है | यदि सरकार भी इसके लिये उचित वातावरण प्रदान करे तो वृद्धि दर कई गुना तक बढ़ सकती है | उनके अनुसार इसके लिये सभी स्तर पर भ्रष्टाचार का उन्मूलन अति आवश्यक है | अंत में इस निष्कर्ष तक पहुंचते हुए उन्होंने कहा,हमारे पास उच्च तकनीक है और उसके प्रयोग के लिये मानव शक्ति भी है, लेकिन अगर किसी चीज की आवश्यकता है , तो वह है – उत्तम व्यवस्थापन | हमने जो पिछले 300 वर्षों में खोया है , उसे हम आने वाले 30 वर्षों में वापस प्राप्त कर सकते हैं |


इससे पहले कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं बिट्स पिलानी के निदेशक प्रो. जी रघुरामा ने कहा कि हर वर्ष छात्रों में कॉन्क्वेस्ट के लिये उत्साह बढ़ता नजर आ रहा है | उभरते हुए उद्यमियों के लिये उन्होंने सन्देश दिया कि “ बड़ा सोचो , उच्च विचार रखो ,मगर उस पर कार्य अभी से आरम्भ कर दो |”

इस प्रतियोगिता की पुरस्कार राशि 2 लाख रूपये है, लेकिन इसके अलावा कई वेंचर केपिटलिस्ट पसंद आने वाले विचारों पर करीब एक करोड़ तक का निवेश करने को तैयार हैं |


Tuesday, April 27, 2010

शिखर पर बिट्सियन्स : 2009-10

1. मयंक कामथ (2007H103045) और अंकित जिंदल (2008H103032) ने 2009 गूगल प्रॉडक्ट प्रोडिजी प्रतियोगिता में 3.5 लाख राशि का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया |

2. अंकित मित्तल (2005A4PS304) और ध्रुव मलिक (2006A3PS442) को 10 जुलाई से 3 अगस्त तक अमेरिका में होने वाले प्रतिष्ठित आईफेस्ट नवोन्मेष कैम्प के लिए आमंत्रित किया गया |

3. पूनम डागा (2007A1PS424), एंटोनियो फेरनान्डेज़ (2007A3PS182), अभिषेक दत्त (2007A8PS282), आस्था मेहता (2007A7PS044) और विश्वा पारेख (2007A7PS312) को गोल्डमैन सैक लीडरशिप प्रोग्राम के लिए चुना गया | इनमें से आस्था और अभिषेक ने अंतिम दौर में प्रवेश पाकर गोल्डमन सैक लीडरशिप इंस्टिट्यूट न्यूयार्क जाने का सुनहरा अवसर प्राप्त किया |

4. राघव मिमानी (2007A1PS383) ने राष्ट्रीय ज्ञान आयोग द्वारा आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में पहला इनाम जीता | इस सिलसिले में इन्होंने दिल्ली जाकर सैम पित्रोदा से मुलाकात की और 10,000 राशि का इनाम प्राप्त किया |

5. शशांक साहू (2007A8PS257P), राहुल रोशन (2007B3A8567) और अक्षय वेदासन (2007A3PS149) ने आई.आई.टी. कानपुर के वार्षिक तकनीकी सम्मलेन, टेककृति में रोबो एक्स इवेंट जीता |

6. अनुराग दत्ता (2006A7PS010) को दो महीने के लिए नेशनल ज्योग्राफिक, हाँग काँग में इंटर्नशिप करने का अवसर मिला | इन्होंने प्रतिष्ठित हेबिटैट यंग विजनरी अवार्ड में दूसरा स्थान प्राप्त किया |

7. उत्तम गांधी (2005B5A4710), रवि शंकर (2005B3A4637), वेंकट (2005B3A8570), श्रीकांत(2005B4A4723) और रवि किरण (2005B1A4820) की टीम को आई.आई.टी मुंबई के टेक्निकल फेस्टिवल में अपने रोबोट 'वाल.ई' के लिए प्रथम पुरस्कार से नवाज़ा गया |

8. बिट्सियन ऐलुम्नस संजोत माल्ही को येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एम.बी.ए प्रोग्राम के लिए चुना गया |

9. 19 से 21 मार्च तक चंडीगढ़ में आयोजित " इंटरनैशनल कॉनफेरेंस ऑन एनर्जी ऐंड एनवायरनमेंट " में "A New Microcontroller-Based MPPT Algorithm for Photovoltaic Applications " विषय पर अहमद ज़बीब, विजय देवभक्तुनी , अब्दल सेबक और एल. के .माहेश्वरी द्वारा प्रस्तुत पेपर को ऊर्जा वर्ग में सर्वश्रेष्ठ पेपर चुना गया |

10. तृतीय वर्ष कंप्यूटर साईंस के छात्र हर्ष वर्धन (2006A7TS156) को आंध्र प्रदेश के 9 गाँवों में सामाजिक विकास कार्य के प्रस्ताव के लिए गोल्डमैन सैक ग्लोबल लीडर्स प्रोग्राम के अंतर्गत सामाजिक उद्धम वृत्ति प्रतियोगिता 2009 में US$10,000 की ग्रांट प्रदान की गयी | साथ ही उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय छात्र सम्मलेन 2009, में नॉर्वे जाने के लिए चुना गया |

11. बिट्स पिलानी की कंप्यूटर साईंस ग्रेजुएट सुप्रिया वदलमानी को सेकंड “गूगल इंडिया वूमन इन इंजीनियरिंग” अवार्ड से गूगल इंडिया के हैदराबाद ऑफिस में सम्मानित किया गया |

12. 8 अगस्त 2009 को मयंक माथुर (2006A8PS239P) को वर्ष 2008-09 के लिए इंस्ट्रूमेंटेशन फोरम के को-ऑर्डिनेटर के रूप में अद्वितीय नेतृत्व के लिए वर्ष के ट्रेलब्लेज़र, मंत्र अवार्ड्स से सम्मानित किया गया |

13. वेन्कूवर, कनाडा में 29-31 अगस्त 2009 को संपन्न हुई प्राइवेसी, सिक्यूरिटी, रिस्क एवं ट्रस्ट विषय पर IEEE अंतर्राष्ट्रीय संघोष्ठी में विनीत पांडे (2006A7PS054P) के अनुसंधान पत्र के चयनित हो जाने पर उन्हें सम्मानित किया गया |

14. आयुष देओरा (2006C7PS804), अनिरुद्ध मांधना  (2006B3A8660), और गौरव शहलोत (2006B5A7498) ने 13 सितम्बर 2009 को सैद बिज़नेस स्कूल (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी) में अपने सोशल स्टार्ट -अप 'आह्वान' के लिए यूथ बिजनेस डेवलपमेंट 2009 का विजेता पुरस्कार मिला | पुरस्कार की धनराशि £1000 थी |

15. सचिन जैन (2007A3PS215), अमन गुप्ता (2008A7PS046) और रोहित भट्ट (2008A7PS050) ने NIT जालंधर के वार्षिक टेक्नो -मैनेजमेंट फेस्ट ‘टेकनीति -09’, में 19 September 2009 को संपन्न हुए बिज़नेस प्लान प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार जीता |

16. अक्षय साहू (2008B4A4261P), को वी.एन.आई.टी. नागपुर के वार्षिक टेक्नो -मैनेजमेंट फेस्ट ‘एक्सिस 09’ में आयोजित बिज्क्रीग व्यापार योजना के विजेता के रूप में 15000 रुपए की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की गयी |

17. एम. दीपिका को लंदन में 'ग्लोबल चेंजमेकर्स' विश्व युवा सम्मेलन में भाग लेने के लिए और ग्लोबल चेंजमेकर्स नेटवर्क में शामिल होने के लिए चुना गया है | उनको एक आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है जिसमें एक वीडियो और आवेदक की सामाजिक सक्रियता के बारे में विभिन्न सवाल थे |

18. श्री साई प्रणीत जी.ए.वी. (2005A3PS076), जिन्होंने " A Self Biased Operational Amplifier at Ultra Low Power Supply Voltage" नामक पेपर प्रस्तुत किया था, को 13 - 16 दिसंबर 2009 के दौरान ट्यूनीशिया में आयोजित ‘इलेक्ट्रॉनिक सर्किट व सिस्टम्स के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ के लिए चयनित किया गया |

19. समीर लोढा (2007A8PS229) ने एक स्वामित्व फर्म मेसर्स ‘ड्रीम जूसेस’ शुरू कर दिया है | उनकी कंपनी के आकाओं में इन्सीड बिज़नेस स्कूल, सिंगापुर के प्रोफ़ेसर पैट्रिक टर्नर आन्त्रेप्रेन्योर्शिप फैकल्टी और जिमी वेल्स, सह संस्थापक, विकिपीडिया जैसे लोग शामिल हैं |

20. कोम्मुल्का साई कृष्णम (2006A8PS047P) ने 1 नवंबर 2009 को नई दिल्ली में आयोजित दिल्ली हाफ मैराथन [21.097kms] को 3 घंटे से कम में पूरा किया |

21. सोनल केशवराव ठेन्गाने (2009H101016P) ने 28 दिसम्बर 2009 को भद्रावती (महाराष्ट्र) में आयोजित ‘गुरुत्त्व सिद्धांतों और खगोल विज्ञान पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ (CGTA 2009) में अकादमिक उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त किया |

22. बिट्स पिलानी के भौतिकी समूह में पी.एच.डी. की छात्रा सुश्री नेहा गुप्ता ने 'डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर’ में आयोजित Solid State Ionics Materials for Novel Devices ' पर आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन में पोस्टर प्रस्तुति के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिक’ का पुरस्कार जीता |

23. बिट्स पिलानी के चौथे वर्ष के छात्र मांडवा हर्ष वर्द्धन (2006A7TS156), ने ग्रैंड हयात, न्यूयॉर्क में 20 से 24 नवंबर, 2009 को आयोजित ‘बिज़नेस टूडे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ में भाग लिया | हर्षवर्धन दुनिया भर से चयनित मात्र 150 छात्रों में से एक थे जो इस सम्मेलन में भाग लेने आये थे |

Tuesday, April 13, 2010

कुछ नवीनतम आयोजन पिलानी में

हिन्दी कार्यकारिणी समिति द्वारा सैक क्यु.टी. में आयोजित - अन्ताक्षरी (१० अप्रैल २०१०)
 
हिन्दी ड्रामा क्लब द्वारा एफ.डी.२ में आयोजित - "एक था गधा उर्फ़ अलदाद खान" (१३ अप्रैल २०१०)

Sunday, April 4, 2010

अलविदा - आखरी नहीं !

डीन नट्टू.. एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है..
'७४-'७९ से लेकर आजतक हर बिट्सियन पर राज करता यह नाम आज जीवन के बदलाव के साथ आगे बढ़ रहा है...

भले ही सर हमें पिलानी में न दिखें पर जैसा कि उन्होंने खुद कहा - "मैं यहाँ आता रहूँगा, कनॉट, ऐन्क, मंदिर.. यह सब जगह ज्यादा दूर नहीं है.. आप मुझे बिट्स से निकाल सकते हैं पर मेरे अन्दर से पिलानी को कभी नहीं !"
यह शब्द उस बिट्सियन के जिसने ३५ सालों तक लगातार और कुछ नहीं बस बिट्स ही देखा है और एक ही राह - पिलानी !

बिट्स के "साइबर पत्रकार" सही मायनों में रहे हैं वो जो कि अब से सबसे ज्यादा खलेगी..

सर को पूरे बिट्स परिवार की ओर से बहुत शुभकामनाएं अपने भावी जीवन के लिए और धन्यवाद एक अमूल्य योगदान के लिए..
सर श्रीधर महाविद्यालय के प्रति-उप कुलपति बनने जा रहे हैं जो कि पिलानी से सिर्फ १० की.मी. की ही दूरी पर है...
तो अगले मुलाक़ात तक के लिए हम सभी की तरफ से अलविदा जो कि कभी आखरी नहीं होगा..

Sunday, March 14, 2010

ए.एस.पिल्लई से मुलाकात

ए.एस.पिल्लई

पेप द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान में कल दोपहर ब्रह्मोस एरोस्पेस के सी.ई.ओ., एम.डी., ए.एस.पिल्लई ने LTC में छात्रों को मिसाइल क्षेत्र में भारत के अभियान के बारे में बताया |
उन्होंने बताया कि कैसे विकसित देश अपनी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके विकासशील देशों के तकनीकी विकास पर कड़ी निगरानी रखते हैं व उसमें अड़चनें पैदा करते हैं | उनके अनुसार भारत उन ग्यारह देशों में से एक है जिसके पास 1000 किमी से ज़्यादा परास (रेंज) की मिसाइल है | भारत ने रूस के साथ मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण किया है जो ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाली, विश्व की एकमात्र मिसाइल है | और फिलहाल हाईपर-सोनिक मिसाइल का कार्य प्रगति पर है | ब्रह्मोस मिसाइल की गति, परिशुद्धता और उसकी अद्वितीय मारक क्षमता के कारण भारत इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन गया है | उनके अनुसार मात्र 150 मिलियन डॉलर की लागत से बनी यह मिसाइल 10 बिलियन डॉलर का बिज़नेस कर रही है और आज इसकी मांग न सिर्फ अपने देश में बल्कि पूरे विश्व में है |
उनका मानना है कि भारत के युवाओं में वह शक्ति है जो कुछ भी करने में सक्षम है | एक बार अमेरिका ने भारत को सुपर-कम्प्यूटर देने से इंकार कर दिया था तो भारत ने अपने अथक परिश्रम से मात्र दो वर्षों में ही उससे भी बीस गुना ज़्यादा तेज़ सुपर-कम्प्यूटर का निर्माण किया | उनके विचार से भारत के विकसित राष्ट्र बनने के लिये हमें एकजुट होकर प्रयत्न करना होगा | अन्त में छात्रों की जिज्ञासा को शांत करते हुए भारत के राष्ट्रगान के साथ उन्होंने अपना व्याख्यान समाप्त किया |

Saturday, March 13, 2010

मिथाली – 2010

इस बार ‘मिथाली’ हालाँकि अपने निर्धारित समय सायं पाँच बजे से डेढ़ घंटे देर से  6.30 बजे आरम्भ हुआ फिर भी लोग उसको लेकर अत्यंत  उत्साहित थे  | मिथाली की शुरुआत ‘म्यूजिक क्लब’ के धमाकेदार प्रदर्शन से हुई | जहाँ एक तरफ ‘मस्ती की पाठशाला..’,’घन-घन घोर कारे छाये बदरा…’,’कन्धों से कंधे क़दमों से कदम …’ इत्यादि गानों ने लोगों को झूमने पर विवश  कर दिया वहीँ दूसरी तरफ ‘जिया जले जान जले …’,’सइयाँ….’जैसे गानों से लोग भावविभोर हो गए | इसके बाद माइम क्लब के प्रदर्शन में उनके चुटकलों और व्यंग्यात्मक प्रसंगों पर लोगों ने जमकर ठहाके लगाये | इसी के बीच – बीच में डांस क्लब ने अपने प्रदर्शन से लोगों को का मन मोह लिया | माइम क्लब के कुछ चुटकुले मुख्य तौर पर बिट्सियन जीवन पर आधारित थे जैसे कि ‘एफ डी माँगोगे तो तीन देंगे एम्. बी. माँगोगे तो चीर देंगे’ लोगों को बहुत पसंद आये | इसके अलावा उनके वोडाफोन के विज्ञापन की नक़ल , संसद की कार्यवाही ,’मास्क शो ‘,’काउंटर स्ट्राइक’ इत्यादि के प्रदर्शन से लोग गुदगुदाने पर मजबूर हो गए | इस बार डांस क्लब भी अपने अलग ही रंग में नज़र आया | उनका लगभग हर प्रदर्शन किसी न किसी विषयवस्तु पर आधारित था जिसमें उनकी एक विषयवस्तु लड़कियों की  भ्रूणहत्या पर आधारित थी जो सराहनीय थी | डांस क्लब ने लोकनृत्य, आधुनिक, पाश्चात्य, अर्ध-पाश्चात्य इत्यादि विभिन्न नृत्यशैलियों पर अपनी प्रस्तुति दी | चार घंटों के  मनोरंजन से परिपूर्ण इस कार्यक्रम ने इस तकनीकी उत्सव में सांस्कृतिक  पुट डाल दिया |

Friday, March 12, 2010

मीरा एच सान्याल से मुलाकात

उन्हें एक पेशेवर बैंकर कहें या एक सामाजिक कार्यकर्ता, वो इन सब में फिट बैठती हैं | जी हाँ, हम बात कर रहे हैं मीरा एच सान्याल की, जिनसे अपोजी हिंदी प्रेस ने की मुलाकात | आमने-सामने हुए वार्तालाप के दौरान मीरा ने  बताया कि बिट्स एक बहुत ही अच्छा संस्थान है तथा मेरे काफी सारे मित्र यहाँ से पढ़ चुके हैं | उन्होंने कहा कि उन्हें उद्घाटन बहुत पसंद आया, विशेषकर शुरुआत में दिखाई गयी विडियो जिसमें उन्हें  व्यावसायिकता की झलक दिखाई पड़ी | मीरा ने यहाँ के छात्रों के ऊर्जा की सरहना की |
एक पेशेवर बैंकर होने के साथ ही सामाजिक कार्यों जैसे निर्धनता उन्मूलन, नारी सशक्तिकरण, जैव विविधता का संरक्षण आदि में अपनी भागीदारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हर कार्य के लिए समय निकालना तो काफी मुश्किल होता है पर इन कार्यों में उनकी विशेष रूचि के कारण ये संभव हुआ  | इन कार्यों को करने की प्रेरणा उन्हें परिक्रमा जैसे चंद NGOs में कार्यरत लोगों से मिलती है | नारी सशक्तिकरण हेतु माइक्रोफिनांस नामक पॅालिसी से गरीब और पिछड़ी महिलाओं की आर्थिक उन्नति की पुरजोर कोशिश कर रही हैं | अब तक लगभग 6500 से भी ज्यादा महिलाएं इससे लाभान्वित हो चुकी हैं और करीब 50% से ज्यादा महिलाओं  ने इस पॅालिसी को दुबारा अपनाया है | उनका मानना है कि माइक्रोफिनांस का मूल उद्देश्य बैंक के लिए पैसा बनाना नहीं अपितु हमारे देश में महिलाओं की आर्थिक स्तिथि को मजबूती प्रदान करना है | इसी तरह मीरा HIV(+)  और नशे के आदी बच्चों के पुनर्वास से जुड़े कार्यों में भी अपना योगदान दे रही हैं | सतत विकास और विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए सान्याल ने हमें बताया की वो न सिर्फ मेलघाट और सुंदरवन लाइफलाइन जैसे प्रोजेक्ट्स पर कार्यरत हैं अपितु और भी ऐसे कई प्रोजेक्ट्स की तलास में हैं जिससे की नीचे तबके के लोगों को रोटी, कपडा और मकान मुहैया कराइ जा सके |
26/11 के बारे में पूछे जाने पर  उन्होंने काफी शिकायती लहजे में कहा कि वे सरकार द्वारा अपनाये गए रवैये से काफी अचंभित थी | अपने चुनाव लड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि सरकार के काम करने के तरीके में कुछ बदलाव आये | यद्यपि वो चुनाव हार गयीं, पर उनका चुनावी अनुभव काफी अच्छा रहा |भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी कमजोरी के बारे में पूछे जाने पर उनका कहना था की कोई भी राजनेता (politician ) बुरा  नहीं होता है और हर राजनेता अपने हिसाब से अच्छा काम करने की कोशिश ही करता है | पर सारी समस्याएँ यहाँ से शुरू होती हैं की जब हम ये चाहते हैं के किसी कंपनी का सीईओ शिक्षित, बुद्धिमान, कुशाग्र-बुद्धि तथा  ज्ञानी हो तो हम अपने द्वारा चुने गए उम्मीदवारों के लिए ऐसा क्यों नहीं सोचते हैं, क्यों हम किसी अशिक्षित एवं आपराधिक पृष्टभूमि वाले व्यक्ति के हाथ में अपने देश की बागडोर सौंप देते हैं |देश की सबसे बड़ी ताकत आखिर अक्षम हाथों में क्यों ?
इस प्रश्न के जवाब में कि “भारतीय राजनीती को कैसे सुधार जा सकता है ?” उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं जिनके माध्यम से उन्होंने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि हम :
  • अपने अधिकारों का उपयोग करें |
  • अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वाह करें |
  • लोगों को उच्च स्तर की माँग करने की जरूरत है |
युवा पीढ़ी से जुड़े रहने के लिए उन्होंने ट्विटर  और ब्लॉग जैसे विकल्पों पर भी विचार विमर्श किए | छात्रों को अपने सन्देश में उन्होंने कहा कि “हमें एक कार्यकर्ता नहीं बल्कि एक बेहतर और सक्रिय नागरिक बनना चाहिए” |

Tuesday, March 9, 2010

वर्ड वार्स


भाषा न सिर्फ संचार का माध्यम है, बल्कि मनुष्य के गौरव से मनुष्य की पहचान बन जाता है | परन्तु एक भाषा का दूसरी भाषा में अनुवाद या शाब्दिक शब्दार्थ से अर्थ का अनर्थ या फिर भाषा का सौन्दर्य कितना रोचक और हास्यप्रद हो सकता है, इसी अनुभूति का अनुभव कराने - अपोजी हिंदी प्रेस आयोजित कर रहा है अपनी पहली अपोजी प्रतियोगिता - वर्ड वार्स !

अपोजी से पहले लिए हुए क्लब डिपार्टमेंट और असोसिएशन के साक्षात्कार


प्रेसिडेंट
नाम - सुधीर बाबू
सुधीर ने बताया कि इस वर्ष अपोजी में करीब 60 इवेंट्स के अलावा और भी कई आकर्षण होंगे | एयर शो और बाइक रेसिंग कराने के लिए वे प्रयासरत हैं | जनता को कुछ आतिशबाजी भी देखने को मिलेगी | सुधीर अब तक हुए काम से काफी संतुष्ट दिखे और उन्हें पूरी उम्मीद है कि अपोजी तक सारा काम सुचारू रूप से पूरा हो जायेगा | विशेष तौर पर उन्होंने इस वर्ष पुरस्कार राशि को बढ़ाकर 11,00,000 रूपये कर दिया है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में करीब तीन लाख अधिक है | पिछलेवर्ष ISO प्रमाण पत्र मिल जाने से अपोजी का महत्व और भी बढ़ गया है | बिट्सियन जनता को उन्होंने यही सन्देश दिया कि उन का पूरा प्रयास रहेगा कि अपोजी पिछले वर्षों से और भी ज्यादा भव्य हो | अतः वे घर न जाकर अपोजी का भरपूर लुत्फ़ उठाएँ |


जनरल सेक्रेटरी
नाम - राघव मिमानी
10 मार्च से शुरू हो रहे इस वर्ष के अपोजी के लिए हमारे महासचिव (जेन सेक) काफी आत्म-विश्वास से भरे नज़र आये | उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष के 6 वक्ताओं के मुकाबले इस बार 17 वक्ता आ रहे हैं और सभी बहुत ही विविध पृष्ठभूमि से हैं, जिनमें वैज्ञानिक से लेकर जादूगर और पत्रकार तक शामिल हैं | इस वर्ष पहली बार अपोजी की कोई थीम नहीं है क्यूंकि उनके मुताबिक़ एक टेक-फेस्ट में खुले विचारों की ज्यादा आवश्यकता होती है | इस अपोजी का मुख्य आकर्षण रहेगा- एयर शो जिसमे एक 18 फीट लंबा प्लेन, तीन छोटे प्लेन एवं चौपर होंगे | साथ ही इस बार होंडा की टू-व्हीलर प्रदर्शनी होगी जिसमें छात्रों को टेस्ट राइड करने का भी मौका मिलेगा | इसके साथ ही ज़ोरदार आतिशबाजी की भी तैयारी की जा रही है | इसके अलावा 'डर्ट ट्रैक रेसिंग' , 'नुक्कड़ टॉक' और 'रिवर्स इंजीनियरिंग' जैसे अति-आकर्षक इवेंट भी रहेंगे | इस बार ट्रैक-ओ-मानिया में 3D ट्रैक रहेंगे जो कि भारत में पहली बार होगा | साथ ही इस बार OHT को कॉरपोरेट्स के लिए भी खोल दिया गया है जिससे यह भारत के सबसे बड़े इवेंट्स में से एक में शामिल हो जाएगा |


कंट्रोल्ज़
नाम - चंद्रिका माहेश्वरी
कार्यबल - 36
चन्द्रिका के अनुसार कंट्रोल्ज़ ने अपनी कार्यप्रणाली में काफी सुधार किये हैं | ये पहली बार होगा जब रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होगा | पहले लोगों को चैक के ज़रिये ईनाम राशि प्राप्त करने में समस्या का सामना करना पड़ता था पर अब सीधा ईनाम राशि उनके खाते में स्थानांतरित हो जाएगी | इस बार ईनाम राशि को बढ़ाकर 11 लाख कर दिया गया है | अपोजी में दिनों की संख्या कम करने के बारे में उन्होंने कहा कि उद्घाटन ही सिर्फ शाम को रखा गया है ताकि अधिक से अधिक लोग उसमें शामिल हो सकें | चंद्रिका के अनुसार 13 मार्च लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा क्योंकि उस दिन बॉब (BOB) और टेडेक्स (TEDx) इवेंट्स हो रहे हैं | नये इवेंट्स में माइक्रोमाउस (micromouse) व कंट्रेपशन (contraption) से भी चन्द्रिका को काफी उम्मीदें हैं |


स्पॉन्ज़
नाम – सूर्या महाजन
कार्यबल - 40
स्पॉन्ज़ के CoStAAn सूर्या महाजन के अनुसार इस वर्ष उनके दल ने अभी तक करीब 24 लाख नकद राशि एकत्रित की है | पिछले वर्ष की भांति इस बार भी हिंदुस्तान जिंक प्लैटिनम स्पौंसर है | नए प्रायोजकों में इस बार सैमसंग, टाटा मैकग्रॉ हिल और कैम्पस फ़्रांस प्रमुख हैं | कैम्पस फ़्रांस फ्रेंच एम्बैसी की शैक्षणिक शाखा है | सैमसंग अपोजी के दौरान 4 ऑनलाइन ऑन-कैम्पस इवेंट्स करा रहा है जो कि मोबाइल सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन बनाने पर आधारित होंगे | इनमे से दो इवेंट्स में पुरस्कार स्वरुप सैमसंग द्वारा बंगलोर में इंटर्नशिप कराई जाएगी एवं अन्य दो में सैमसंग फ़ोन दिए जायेंगे | अपोजी का एक प्रमुख आकर्षण रहेगा प्रायोजकों की तरफ से विभिन्न इवेंट्स में दिए जाने वाले इनाम जैसे कि 1 लाख के सैमसंग फ़ोन, आई बी एम लैपटॉप, एप्पल आईपॉड टच और अन्य एप्पल उपकरण | इसके अतिरिक्त एप्पल आईपॉड व होंडा टू-व्हीलर्स की प्रदर्शनी भी जनता को आकर्षित करेंगी |

पेपर इवेल्युएशन एंड प्रिज़ेन्टेशन
नाम : सलिल गोयल
कार्यबल : 40
पेप के संयोजक सलिल गोयल ने बताया कि पेप अपोजी में पेपर प्रस्तुति , पोस्टर प्रस्तुति , साइबर फिएस्टा व् गेस्ट लेक्चर्स का आयोजन करा रहा है | पेपर प्रस्तुति के लिए आईं कुल 1100 प्रविष्टियों में से 350 का चयन किया गया है | साइबर फिएस्टा एक राष्ट्रीय स्तर की सॉफ्टवेयर निर्माण प्रतियोगिता है जो किसी विषय विशेष तक सीमित नहीं है | इस वर्ष की पोस्टर प्रस्तुति प्रतिस्पर्धा का शीर्षक 'प्लानिंग फॉर इंडियास अर्बन मिलियन’ है जो कि IYCM (International Youth Climate Movement) द्वारा प्रस्तुत किया गया है | गत वर्ष की सफलता को देखते हुए इस बार भी गेस्ट लेक्चर्स का आयोजन किया जा रहा है | इस बार कुल 7 वक्ताओं का आना सुनिश्चित हो चुका है जिनमें अर्चना शर्मा , ए.एस. पिल्लई , सतीश झा इत्यादि जैसे सुप्रसिद्ध लोग सम्मिलित है | इनमें से प्रमुख अर्चना शर्मा को बताया जा रहा है जो CERN में कार्यरत हैं | अगर संभव हुआ तो वे बिट्स के छात्रों व शिक्षकों को CERN में काम करने का सुअवसर उपलब्ध करवाने में भी दिलचस्पी रखती हैं



रिसेप्शन एंड अकोमोडेशन
नाम - कुणाल रहर
कहाँ मिलेंगे - रिसेप्शन बूथ
डिपार्टमेंट ऑफ़ रिसेप्शन एंड अकोमोडेशन के संयोजक कुणाल राहर ने बताया कि इस बार अपोजी में लगभग 1500 प्रतिभागियों के आने की उम्मीद है | होस्पिटैलिटी और बिट्स टूर को बड़े स्तर पर करने की योजना है | प्रतिभागियों को अपनी समस्या बताने के लिए फोन नंबर दिया जाएगा | साथ ही उन्हें फीडबेक फॉर्म भी दिया जाएगा जिससे अगली बार से गुणवत्ता प्रबंधन पर ध्यान दिया जा सके |

पी सी आर
नाम – प्रशांत बालासुब्रमण्यण
सदस्य - 22
पी सी आर के CoStAAn प्रशांत के अनुसार इस बार करीब 140–150 कॉलेजों से तकरीबन 1500 प्रतिभागी आने वाले हैं | उन्होंने कहा कि फेस्ट के ISO प्रमाणित से भी इस संख्या में काफी वृद्धि आई है | साथ ही इस अपोजी में बिट्स पिलानी के तीनों अन्य कैम्पस–दुबई, गोवा व हैदराबाद भी शिरकत लेंगे | इसके अलावा कुछ विदेशी प्रतिभागियों के आने की भी उम्मीद है |

पी.ए.पी.
नाम - देवांशु द्विवेदी
डिपार्टमेंट - पैप (P.A.P.)
कार्यबल - 46
पैप का मुख्य कार्य ओएसिस के बाद शीत कालीन अवकाश से पहले दूसरे कॉलेजों को अपोजी में हिस्सा लेने के लिए पत्र भेजने से शुरू हो जाता है | पैप के कार्यों में मिथाली, ओ.एच.टी (OHT) एवं बॉब के लिए बैकड्राप्स बनाना भी शामिल होता है | बैकड्राप्स की मुख्य थीम कार्निवल है | अपोजी में बनने वाले स्ट्र्क्चर के बारे में उन्होंने बताया कि इस बार का स्ट्र्क्चर एक क्यूब है जिसका हर फलक अलग-अलग पहलू दर्शाता है | इसके अलावा पैप सभी क्लब और डिपार्टमेंट के लिए इन्वेंटरी की व्यवस्था भी करता है | इस बार लेज़र शो की जगह पैप एन.पी.सी.आई.एल (न्यूक्लिअर पावर कारपोरशन इंडिया लिमिटेड) द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन करवा रहा है |

अपोजी की तैयारियाँ दृश्यों के माध्यम से














अपोजी 2010

अपोजी २०१० में आपका स्वागत है |

Monday, February 15, 2010

एक सवाल आपसे

दोस्तों, प्रवाह के इस अंक तक वाणी 2009 आप सभी तक पहुँच चुकी है| मेरे मन में कुछ सवाल हैं, जो कि मैं आप सभी से पूछना चाहूंगी| सर्वप्रथम उन सभी लोगों को धन्यवाद, जिन्होंने वाणी की मेस साइनिंग करके हमें सहयोग दिया, जिसकी वजह से हम वाणी आप सभी तक पहुंचा सके| आप सभी के लिए एक सवाल –आपने वाणी की साइनिंग क्यों की? क्या इसलिए, कि कोई दोस्त, विंगी या सीनियर साइन करवा रहा था? या फिर इसका नाममात्र शुल्क? क्या आपने इस बात पर गौर किया है कि कॉलेज की वार्षिक पत्रिका को अपने लोकप्रिय होने का सबूत देना पड़ रहा है?
अगर गौर नही किया तो गौर कीजिये| आपके कॉलेज की वार्षिक पत्रिका का 2009 का अंक चंद आंकड़ों का मोहताज था| कल्पना कीजिये, हमारा गौरवशाली कॉलेज, उसकी उपलब्धियां और पता नही क्या क्या? और महसूस कीजिये हकीकत को, कि ऐसे संस्थान की वार्षिक पत्रिका कुछ महीनों पहले तक अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही थी| अगर आप जानना चाहते हैं कि इसकी वजह क्या है, तो वो वजह हैं आप| आप और आपका वो उदासीन रवैया जिसकी वजह से आपने अपने आप को एक दायरे में सीमित कर दिया है|
किसी के gtalk status में लगी हुई कोइ लिंक पढ़ने में आपको कोई हिचक नही है,भले ही वो हिंदी में हो,लेकिन वही बात अगर आपके हाथ में हिंदी पत्रिका की हो, तो आपके माथे पर सलवटें पड़ जाती हैं| अपनी बात कहने के लिए आप ब्लॉग, फेसबुक का प्रयोग करते हैं, लेकिन हिंदी में कुछ लिख कर देना आपकी शान के खिलाफ है, आखिर क्यों? क्यों आपको बात करते वक्त हिंदी बोलना या sms में हिंदी लिखते वक्त शर्म नही आती, लेकिन हिंदी लिखना या पढ़ना आपके लिए शर्म की बात हो गयी है?
ऐसा क्यों है की कोई अंग्रेजी पत्रिका पहली बार पढ़ने में आप हिचकते नहीं| उसे पढते हैं, कुछ असभ्यताओं की आलोचना भी करते हैं, दोस्तों से विचार भी बाँटते हैं| लेकिन किसी हिंदी किताब की बात हो, तो साँप सूंघ जाता है| अब वाणी को ही ले लीजिए, कितने कम लोगों को पता था की 'वाणी' भी हमारे कॉलेज की वार्षिक पत्रिका है, और उसका वही स्थान वही दर्जा होना चाहिए जो किसी अन्य प्रकाशन का हो|
देखिये मैं हिन्दी भाषा के लिए आन्दोलन नहीं कर रही हूँ, न ही ऊपर लिखी किसी भी बात के खिलाफ हूँ| मैं सिर्फ ये कहना चाहती हूँ की हम लोग अपनी एक पहचान को खोने की कगार पर हैं और यह गलत है, अगर हम इस दिशा में कोई कदम न उठायें|
वाणी- 2010 के लिए अपना योगदान दें और उसे अपना वही स्थान पुनः पाने में सहयोग करें| एक और नम्र निवेदन उन सभी लोगों से जिनहोने वाणी-2009 पढ़ी| अपनी प्रतिक्रिओं और विचारों से हमे अवगत कराएं| हमें बताइए अगले अंक से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं, और आप क्या परिवर्तन देखना चाहते हैं| उम्मीद है आप अपनी उस "वाणी" को मौन नही होने देंगे|
-हिना जैन
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