Friday, March 27, 2009

माइकल होगेडल

पिछले कुछ दिनों में हमें PEP के द्वारा आयोजित किये गए व्याखानों से काफी कुछ सीखने को मिला | इतनी बड़ी हस्तियों को कॉलेज में बुलाकर, वो बिट्सियन भाषा में कहते हैं न , PEP ने तो बिलकुल फोड़ ही दिया | विडियो कोंफेरेंसिंग द्वरा किये गए व्याख्यान भी काफी सफल साबित हुए हैं |
अपोजी २००९ के अंतिम दिन हमारे सामने डॉ. माइकल होगेडल होंगे जो की वेस्टास टेक्नोलोजी ( r & d ) के मैनेजिंग डिरेक्टर हैं | वे वायु ऊर्जा के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ हैं और आज के समय में जब ऊर्जा के वैकल्पिक सोत्रों की बहुत ज़रूरत है , उनका कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है | साथ ही साथ उनके पास मैरीन इंजीनियरिंग और हैड्रौलिक ऊर्जा के क्षेत्र में भी अनुसंधान अनुभव है | हम आशा करते हैं की उनके व्याख्यान से युवा विद्यार्थियों की इन क्षेत्रों में रूचि बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग इनमे काम करके देस्घ और मानवता का भला करेंगे |
- विभु

माइकल क्रीमो

माइकल क्रीमो - एक नयी सोच
हम बड़े सौभाग्यशाली हैं की हमें डॉ. क्रीमो (जो एक वैदिक पुरातत्ववेत्ता और कई पुस्तकों के लेखक हैं) द्वारा बड़ा ही ज्ञानवर्धक व्याख्यान सुनने को मिला जिससे हमे मानव विकास के बारे में हमारे विचारों को जाँचने-परखने का एक मौका मिला है | यह व्याख्यान काफी सफल रहा और ६०० से भी अधिक लोग इसमें उपस्थित रहे | व्याख्यान का प्रमुख "फोकस " हमें इस संभावना पर विशवास दिलाना था की एक मानव बाहरी शरीर, मन और चेतना का मिश्रण है न कि सिर्फ शरीर है | इस तरह हमारे सामने डार्विन के सिद्धांतों से बिलकुल विपरीत एक मत रखा गया |
(सम्पादक नोट - डॉ. क्रीमो कि किताब ' फोर्बिडन आर्कैओलोजी ' मार्केटिंग और स्पोंसरशिप बूथ कमरा संख्या १२१५ से खरीदी जा सकती है | )
साक्षात्कार

१. सर, आप क्या सोचते कि डार्विन के सिद्धांत को समर्थन में कोई ठोस साबुत ना होते हुए भी उसके इतने समय तक स्वीकार किये जाने का प्रमुख कारण क्या है ?
डार्विन को सिद्धांत को समर्थन में अवश्य ही कुछ सबूत हैं और यह सिद्धांत जीव विज्ञान के अधिकतम तथ्यों की स्थापना कर पाया | वैज्ञानिक समुदाय में बहुत कम लोग हैं जिनके विचार इससे हटकर हैं | साथ हे साथ, सरकारों का सिक्षा पाठ्यक्रम कर एकाधिकार भी इसका एक कारण है | फिर अगर कोई चीज़ किसी ऐसी चीज़ के विरुद्ध है जिसके हम आदि हो चुके हैं, तो उसे नकारना तो मानव प्रकृति है | वैज्ञानिक डार्विन सिद्धांत के इतने आदि हो चुके हैं कोई भी सिद्धांत जो उसका खंडन करता है उन्हें बिलकुल मंजूर नहीं है | ज्ञान का निस्पंदन भी बड़ा कारण है |

२. वेदों के अलावा और क्या सबूत हैं जो आपके द्वारा दिए गए डार्विन सिद्धांत के विकल्प का समर्थन करते हैं ?
बहुत से अर्कैओलोजिकल सबूत हैं जो यह दर्शाते हैं की मानव धरती पर १५०,००० वर्षों के काफी पहले से रह रहा है | सूक्ष्म मन और चेतना के अस्तित्व को दिखने वाले भी सबूत मौजूद हैं पर उन्हें पूरी तरह से अनदेखा किया गया है | जैसे कि इस्तवान दासी द्वारा लिखित पुस्तक " nature's IQ " में पशु जगत से जटिल व्यवहार के ऐसे कई उद्धारण दिए गए हैं जो विकास को नकारते हैं |

३. आपकी पुस्तक ने धर्म और विज्ञानं को जोड़ने कि कोशिश कि है | इससे वैज्ञानिक जगत कि सोच पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
मैं एक ऐसा इंसान हूँ जो सत्य को ढूँढ रहा है और मुझे वह जहां भी मिलता है मैं उससे स्वीकार करने को तैयार हूँ | विज्ञान का इतिहास यह दर्शाता है कि हर अग्रणी वैज्ञानिक के विछार कहीं ना कहीं भगवान से प्रभावित थे और डार्विन भी उनमे से एक हैं | धर्म और विज्ञान के बीच का यह कृत्रिम भेद वैज्ञानिक प्रगति और सत्य कि खोज में बाधा बन रहा है | मैं यह सोचता हूँ कि मेरी पुस्तक यह उद्धारण प्रस्तुत करेगी कि कैसे परम सत्य का ज्ञान मानव पुरातनता और जीवन के उग्रम जैसे जटिल विषयों को हल सकता है |

४. इस्कॉन से जुड़ने और कृष्ण भक्ति से आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा है ?
भगवद् गीता को पढ़ने के बाद मेरे सामने एक पूरा नया जगत था | मैं इस बात से काफी प्रभावित था कि उसमे दिए गए शलोक न सिर्फ देवत्व बल्कि वर्तमान भौतिक दुनिया के बारे में भी सब कुछ बताते हैं | मेरी हाल ही में आई पुस्तक " human devolution " भगवद् गीता के एक ही शलोक का विस्तार है - ममैवांशो जीवलोके जीवभूतः सनातनः | मनःषष्ठानीन्द्रियाणि प्रक्रितिस्थानि कर्षति | (15 वां अध्याय , ७वाँ शलोक )

५. क्या आप हमे हिस्टरी चैनेल पर इसी महीने प्रसारित कि जा रही टी.वी. सीरिज़ ' एंसिएंत एंलिएंस " जिसपर आप आ रहे हैं उसके बारे में थोड़ा और बता सकते हैं ?
मैं काफी टी.वी. और रेडियो चैनलों पर आता रहता हूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस वैकल्पिक सिद्धांत के अस्तित्व का पता लग सके | इसमें मैंने बताया है कि मानव धरती पर सैकडों वर्षों से रह रहा है और ग्रहों के बीच यात्रा जैसी चीज़ें संभव थी जैसा कि वेदों और पुरानों में बताया गया है |

६. कोई मैसेज जो आप इस प्रमुख तकनिकी इंस्टिट्यूट के छात्रों को देना चाहेंगे ?
मैं तकनीकी प्रगति के बिलकुल विरुद्ध नहीं हूँ | परर्न्तु अगर यह इंसान को उसके प्रमुख लक्ष्य कि प्राप्ति में बाधा बनती है तो यह अवश्य ही हानिकारक है | पारिस्थिकी असंतुलन और पर्यावरण संकट का भी यही कारण है | अगर विज्ञानं इंसान को "devolution " रोकने में मादा कर सकती है तो वह निश्चित ही अच्छा है | अतः छात्रों को खुले दिमाग से सत्य को जानने कि कोशिश करनी चाहिए चाहे वो वर्त्तमान मानदंडों का अवलंघन ही क्यों ना करे |

आज : 27/03/2009 , शुक्रवार के कार्यक्रम

ऑडी
1000 hrs – कॉनटैक्ट सिंगापोर
1400 hrs – आई.बी.एम. क्विज
1900 hrs – समापन समारोह

3156
1000 hrs – आई.बी.एम. क्विज (एलिम्स)

2220
0900 hrs - रिन्यूबोटिक्स

ओ-लैब
1900 hrs - परिशोध डिजीटल फ़ाईनल्स

5101/5103/5106
0900/1400 hrs - पेपर प्रेजेंटेशन

5102
1100 hrs - माईकल होजेल
1400 hrs - पैनल डिस्कशन
1700 hrs - एम.सी.मेहता

5105
1000 hrs - फोरेन्सिक वर्कशॉप

उपरोक्त कार्यक्रम किसी भी पूर्व सूचना के बिना परिवर्तन के अधीन है। किसी भी प्रश्न के लिए कोन्ट्रोल्ज़ विभाग से संपर्क करें |

Thursday, March 26, 2009

आज : 26/03/2009 , गुरुवार के कार्यक्रम

ऑडी
0900 hrs – जिमी वेल्स
2000 hrs – बॉब

1101
1000 hrs - चेकमेट (फाईनल)
1400 hrs - लैबव्यू

1102
0900 hrs - पनमैकिया

1105/1106
1000 hrs - स्मैश द बग
1400 hrs - गैरोविस्टा

1139
1330 hrs - एनविडिया वर्कशॉप

1216/1225/3156

0900 hrs – बिट्समुन

1207
1030 hrs – वर्ड स्टॉक और ब्रेनटीज़र
1400 hrs – ब्लूप्रिंट

2217
1000 hrs - जंकयार्ड वार्स - चक्र-1
1300 hrs - जंकयार्ड वार्स - चक्र-2
1430 hrs - हु डन इट (फाईनल) - 2216

2219
1100 hrs - ऐस्ट्रो क्विज
1400 hrs - सन माइक्रोसॉफ्ट वर्कशॉप
1800 hrs - सन माइक्रोसॉफ्ट वर्कशॉप

2220
0900 hrs - रिन्यूबोटिक्स
1800 hrs - जर्नलिज़म क्विज

3160
0900 hrs - बाईक मोडिफिकेशन वर्कशॉप

ऐस्ट्रो रूम
2000 hrs - ऐस्ट्रो वर्कशॉप

ओ-लैब
1900 hrs - परिशोध ऐनालॉग फ़ाईनल्स

Gym-G
1900 hrs - फुल थ्रौटल ग्रैंड प्रिक्स

C-Lawns
1500 hrs - वाटर रॉकेट

FD-II QT
1400 hrs - द बिग फाइट
1600 hrs - डेज़र्ट सबमेरीन
2000 hrs - मेट्रिक्स फ़िल्म महोत्सव

SAC-QT
2000 hrs - सिद्धि ट्रैक-ओ-मैनिया

LTC QT
1500 hrs -माइन मैस्ट्रो (फाईनल)
2000 hrs - बायोलोयड सॉकर

LTC कॉरिडोर
0900/1400 hrs - पोस्टर प्रेजेंटेशन

5101
0900/1400 hrs - पेपर प्रेजेंटेशन(5103/5106)

5102
1000 hrs - एनविडिया वर्कशॉप
1330 hrs - केमिसके कोन्कर्रेन्ज़

5104
2000 hrs - कॉन्टैक्ट सिंगापुर

5105
1030 hrs - फोरेन्सिक वर्कशॉप

उपरोक्त कार्यक्रम किसी भी पूर्व सूचना के बिना परिवर्तन के अधीन है। किसी भी प्रश्न के लिए कोन्ट्रोल्ज़ विभाग से संपर्क करें |

Wednesday, March 25, 2009

आज : 25/03/2009 , बुधवार के कार्यक्रम

ऑडी
1230 hrs – .एच.टी
2100 hrs – दिलीप छाबड़िया

1101/1102
0900 hrs - अंकित फादिया
1700 hrs - ऑटोबॉट्ज़

1105/1106
1400 hrs - गूगोल

1139
1000 hrs - सृष्टि
1800 hrs - लैबव्यू कार्यशाला

1216
0900 hrs – बिट्समुन

1207/1223
1200 hrs – GDBMNOC PD E-1/2
1600 hrs – क्रेजी ब्रिज (1207)

1225
0900 hrs – बिट्समुन

1232
1500 hrs - गेम ऑन चिप

2217
1930 hrs - हु डन इट

2219
1000 hrs - सन माईक्रोसिस्टम वर्कशॉप
1400 hrs - स्नूप डॉग्स
1930 hrs - हु डन इट

2220
1300 hrs - एक्सकैलिबर ऑलटरनेटिव
1700 hrs - रेवर्टिगो

FD-II QT
2000 hrs - मेट्रिक्स फ़िल्म महोत्सव

Gym-G
1900 hrs - फुल थ्रौटल ग्रैंड प्रिक्स

स्वीमिंग पूल
1300 hrs - बैटल ऑफ वाटरलू
1600 hrs - -बूट रेंनेन

LTC QT
2000 hrs - बायोलोयड सॉकर

3156
0900 hrs - बिट्समुन

3158

1700 hrs - कलर मैटर्स

3160
1300 hrs - लैब क्विज
1630 hrs - ऐस्ट्रो क्विज

केम लैब
1000 hrs - फन केम

ऐस्ट्रो रूम
2000 hrs - ऐस्ट्रो वर्कशॉप

5101
0900 hrs - पेपर प्रेजेंटेशन(5103/5106)
1400 hrs - पेपर प्रेजेंटेशन(5103/5106)
1800 hrs - ऑटोमाईज़्ड माईंड्स

5102
0900 hrs - इ-सॉल'वी'
1500 hrs - साइबर फिएस्टा
1930 hrs - एस.पी.कोठारी

5103
1730 hrs - आह्वान (दूसरा चरण)

5104
2000 hrs - कॉन्टैक्ट सिंगापुर

5105
0900 hrs - इकोग्राफी
1400 hrs - सु-डो-कु
1730 hrs - परिशोध(एलिम्स) - डिजीटल

5106
1730 hrs - मोमेंटो क्रिटिको

उपरोक्त कार्यक्रम किसी भी पूर्व सूचना के बिना परिवर्तन के अधीन है। किसी भी प्रश्न के लिए कोन्ट्रोल्ज़ विभाग से संपर्क करें |

Tuesday, March 24, 2009

अपोजी का बिगुल बजा - २३/०३/२००९

मुख्य अतिथी श्री बी.के.चतुरवेदी (जो कि भारतीय योजना आयोग के सदस्य हैं) का आगमन हो चुका था | मंच संचालक ने कोस्टा बॉडी के सदस्यों का परिचय कराते हुए उन्हें मंच पर आमंत्रित किया गया और दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्य अतिथि ने बिट्स की 27वीं तकनीकी उत्सव, अपोजी २००९ का शंखनाद किया |

फिर प्रेजिडेंट ने आगंतुकों का बिट्स में स्वागत किया और सभी डिपार्टमेन्ट्स/क्लब्स के सदस्यों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने अपोजी को सफल बनाने के लिए रात-दिन एक कर दिया है | इसके बाद डॉ.एल.के.माहेश्वरी ने बताया कि कैसे अपोजी की शुरुआत एक छोटे से साइंस कांग्रेस के रूप में हुई थी और सम्पूर्ण व्याख्यान देते हुए आसीन हुए |

अब बारी थी मुख्य अतिथि के भाषण की | उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर वे अपनी रूची के क्षेत्र में 10000 घंटे मेहनत कर लें तो उनकी सफलता के बीच कोई भी रोड़ा नहीं आ सकता | उन्होनें बिल गेट्स का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे छात्र ज़िन्दगी में मिलने वाले सुनहरे अवसरों को भुनाकर सफलता की राह पा सकते हैं |

इसके बाद उन्होंने आर्ट एन डी के उस आकृति का उद्घाटन किया जो कि अपोजी-०९ के विषय-वस्तु "लेवीटेट" का चिह्न है | अंत में महासचिव ने भी उन सभी लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने अपोजी-०९ को ख़ास बनाने में योगदान दिया है |

तो यूँ बजा अपोजी-०९ का शंख नाद | जोश बढ़ चुका है और कैम्पस में हर तरफ़ इस तकनिकी महोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह है | आप अगर बिट्स में है तो हमे कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है पर अगर आप बिट्स से बाहर हैं तो हमारे साथ इस ब्लॉग पर मिलते रहिये | हमे विश्वास है की हम इस महोत्सव के पल पल की ख़बर आप तक पहुँचा पाएंगे |

Monday, March 23, 2009

आज : 24/03/2009 , मंगलवार के कार्यक्रम

ऑडी
2000 hrs – मिथाली

1101/1102

0900 hrs - औटोबोट्ज़
1730 hrs - सृष्टि राउंड 2 (1101)

1105/1106/1139
1000 hrs - कोड जैम (1139)
1430 hrs - कोड स्टॉर्म
1830 hrs - स्केडियो (1139)

1216/1225/3160
0900 hrs – बिट्समुन

1207/1223
0930 hrs - सृष्टि राउंड 1(1223)
1400 hrs – GDBMNOC PD E-1/2

1232
1400 hrs - टर्नकोट

2213
1330 hrs - अप्लाइड इंजीनिरिंग

2217
1000 hrs - जन्क्यार्ड वार्स राउंड 1

2219
1000 hrs - नेटबीन्स वर्कशॉप
1400 hrs - साइंस क्विज़

2220
1200 hrs - जीउ डी टेक
1600 hrs - जिओपार्डी

3158
1100 hrs - कोंटक्ट सिंगापुर
1400 hrs - पेपर प्रेसेंटेशन

3156
0900 hrs - टून्ज़ वर्कशॉप

SAC QT
1500 hrs - नोकाउट चैलेंज

Astro Room
2000 hrs - ऐस्ट्रो वर्कशॉप

FD-II QT
1430 hrs - ट्रेज़र हंट (केम असौक)

Gym-G
1600 hrs - एयरस्ट्राइक
1900 hrs - फुल थ्रौटल ग्रैंड प्रिक्स

Photog Room
1400 hrs - अन्मास्क ( फोटोग एक्सिबिशन )

स्वीमिंग Pool
1300 hrs - बैटल ऑफ वाटरलू

LTC QT
1400 hrs - माइन मैस्ट्रो

5101
0900 hrs - प्रोडक्ट पिच
2000 hrs - बायोलोयड सोकर

5102
1000 hrs - परिशोध इ-डिजीटल
1330 hrs - प्रोडक्ट पिच
1700 hrs - माइकल क्रेमो द्वारा व्याख्यान

5103/5105/5106
0900 hrs - पेपर प्रेजेंटेशन
1400 hrs - पेपर प्रेजेंटेशन
1800 hrs - IDA वर्कशॉप (5103)

5104
2000 hrs - कोन्टैक्ट सिंगापुर

5105
1830 hrs - जॉन सी माथेर द्वारा व्याख्यान

उपरोक्त कार्यक्रम किसी भी पूर्व सूचना के बिना परिवर्तन के अधीन है। किसी भी प्रश्न के लिए कोन्ट्रोल्ज़ विभाग से संपर्क करें |

आध्यात्मिकता अपोजी के द्वार - माइकल क्रेमो

माइकल ऐ. क्रेमो
माइकल ऐ. क्रेमो जिन्हें द्रुत्कर्मा दसा के नाम से भी जाना जाता है एक अमरीकन हिन्दू सृष्टि-सिद्धांतवादी (क्रीएशनिस्ट) हैं जिनका काम यह दर्शाता है कि आधुनिक मानव धरती पर निमित वर्षों से रह रहा है | उनकी किताब "फॉर्बिडेन आर्किओलोजी" ने बहुत से हिन्दू "सृष्टि-सिद्धांतवादी" और "पैरानॉर्मलिस्ट" को प्रभावित किया है लेकिन विज्ञान जगत ने इसमें दिए गए सूत्रों को नकारा है |

क्रेमो ने जॉर्ज वाशिंगटन युनिवेर्सिटी से पढ़ाई की और अमरीकी नौसेना में काम किया | क्रेमो कृष्ण जागरूकता के लिए "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय" और "भक्तिवेदंता इंस्टिट्यूट" के सदस्य हैं | जब उन्हें 'सुशोभित मृत' नामक एक कंसर्ट में भगवद गीता की एक पुस्तक दी गयी , उसके बाद उन्होंने समकालीन लेखकों को कहा कि वे अपना जीवन कृष्ण को अर्पित करना चाहते हैं | उन्होंने इसकॉन द्वारा मृत्युदंड पर दिए गए बयान पर पेपर भी लिखा और इसकॉन द्वारा आयोजित ' डिसिप्लिक ' उत्तराधिकार ( जिसे "रित्विकिज़म" कहते हैं ) पर संघठित अभियान का नेतृत्व किया है |

मार्च २००९, यानी इसी महीने "हिस्ट्री" चैनेल पर एक टी.वी सीरिज़ "ऐन्शिएन्ट एलिएंस" पर आ रहे हैं | वे स्वयं को एक वैदिक पुरातत्ववेत्ता मानते हैं |

तो इंतज़ार किस बात का है , अगर आपको आध्यात्मिक या मानव विकास में रूचि है तो इस व्याख्यान में अवश्य उपस्थित रहें | ऐसे मौके बार- बार नहीं आते |

-विभु

एस.पी.कोठारी इस अपोजी

एस.पी.कोठारी
एस.पी.कोठारी, यह नाम सुना-सुना सा लगता है| अरे ! ये तो एक बिट्सियन ही हैं जो अपोजी-०९ में आ रहे हैं | बिट्स से इंजीनियरिंग करने, आईआईएम से एम.बी.ए. और युनिवर्सिटी ऑफ़ इयोवा से पी.एच.डी. की | शायद हममें से बहुत विद्यार्थी ऐसे ही कुछ 'रिज्यूमे' की कामना करते हैं|

कोठारी जी, जो अभी ईक्युइटी रिसर्च के 'ग्लोबल हेड' हैं, जुलाई २००८ से पहले एम.आई.टी. इलिन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट में 'गोर्डन वाई बिलिआर्ड' प्रोफ़ेसर ऑफ़ मैनेजमेंट थे | साथ ही वे वहां अर्थशाश्त्र, वित्त और 'अकाउंटिंग' के 'हेड' थे | वे जर्नल ऑफ़ 'इकोनोमिक्स और अकाउंटिंग' के संपादक भी हैं |

उनका व्याख्यान हम में से सभी के लिए काफी लाभदायक होगा और हमारा अनुमान है की जनता इस व्याख्यान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेगी |

तो आइये मिलते हैं कोठारी जी से... और कहीं नहीं... अपोजी-०९ में !!!

-विभु

Sunday, March 22, 2009

जिमी वेल्स कौन ?

सबसे पहले आपको मिलवाते हैं इनसे जो इस अपोजी हमारे समक्ष एक व्याख्यान देंगे...
आइये जानते हैं कुछ उनके बारे में...


जिमी वेल्स- विकिपीडिया के संस्थापक
शायद ही हममें से कोई ऐसा है जो " विकिपीडिया " का इस्तेमाल नहीं करता | पर हम से गिने-चुने लोगों को ही पता होगा की इस अनोखी " एनसाइक्लोपिडिया " को बनाने वाली महान हस्ती कौन है? हमे यह बताते हुए बड़ी ख़ुशी हो रही है की वह और कोई बल्कि " जिमी दोनल जिम्बो वेल्स " हैं जो कि इस अपोजी में हमारे सामने एक व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे |

" जिम्बो ", जैसा कि उन्हें जाना जाता है, एक अमरीकन इंटरनेट उद्योगपति हैं और इस समय विकिपीडिया संस्थान के "बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज़ " में "कम्युनिटी फाउंडर" की कुर्सी संभाल रहे हैं |

2001 में जब विकिपीडिया अस्तित्व में आई, तभी से इन्हें उसके संयुक्त निर्माणकर्ताओं में से जाना जाना जाता है | यहाँ पर शब्द "संयुक्त " बड़ा मायने रखता है और विवाद का मुद्दा बना हुआ है | "लार्री स्लान्गेर" जिन्होंने इनके साथ "नुपिडिया" एक और "ओपन कंटेंट " एनसाइक्लोपिडिया पर प्रमुख सम्पादक कि हैसियत से काम किया, उन्हें भी विकिपीडिया के निर्माणकर्ताओं में माना गया है जबकि जिम्बो का कहना है वे अकेले ही इसके निर्माणकर्ता हैं |
2006 में "टाइम" पत्रिका ने इनका नाम विश्व के सबसे प्रभावशाली लोगों सूची में स्थान दिया है |

जिमी वेल्स का जन्म हंट्सविले, अलबामा, अमरीका में हुआ | उनके पिता जिमी, एक " किराने के सामान " की दूकान पर काम करते थे और माँ, डोरिस, दादी के साथ एक छोटा से "एक कमरे" में स्कूल चलाती थी | वेल्स ने आठवीं तक अपनी पढ़ाई वहीँ की और उन्हें ग़रीबी का भी सामना करना पडा | पर उनके घर में शिक्षा एक आवेश था |
उन्होंने अपनी स्नातक डिग्री वित्त में औबर्न यूनिवर्सिटी से की, साथ ही मास्टर्स यूनिवर्सिटी ऑफ़ अलबामा और पी.एच.डी. इन्डियाना यूनिवर्सिटी से की | 2007 में उन्हें विश्व "इकनॉमिक" फोरम द्वारा युवा विश्वव्यापी नेताओं में से एक चुना गया |
निश्चय से ही एक ऐसी हस्ती का हमारे साथ होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है और हमें इस मौके का फायदा अवश्य उठाना चाहिए |
तो आइये मिलिए इस अपोजी जिमी वेल्स से !!!

-विभु

अपोजी - ०९

तो अपोजी की शुरुआत बस होने ही वाली है कल...
माफ़ कीजियेगा, इस बार काफ़ी दिनों बाद यह ब्लॉग अद्यतन हो रहा है |
खैर देर आए दुरुस्त आए...
आज से शुरू है जानकारियों का सिलसिला... बस आप हमारे साथ बने रहिये...
जय अपोजी, जय बिट्स !!