Thursday, March 17, 2011

बार कैम्प


बिट्स पिलानी द्वारा आयोजित भव्य वार्षिक तकनीकी महोत्सव ‘अपोजी-२०११’ दस्तक देने के लिए देहलीज़ पर खड़ा है और इस वर्ष के विभिन्न आयोजनों पर नज़र डालें तो उम्मीदें और उत्साह दोनों अपनी चरमसीमा पर पहुँच जायेंगे | इन्हीं रोचक आयोजनों में से एक है ‘बार कैम्प’-एक अत्यंत नवीन सोच की उपज |
      ए.सी.एम. द्वारा आयोजित यह पूर्णतः नवीन शैली का कार्यक्रम बिट्स में अपनी तरह का पहला आयोजन होगा | ए.सी.एम. के संयोजक ‘मयंक अभिषेक’ के अनुसार यह एक ऐसा आयोजन है जिसे न तो पूर्णतः लेक्चर कहा जा सकता है न ही कॉन्फ्रेंस ; अपितु दोनों का समावेश | मयंक ने इस विषय को विस्तृत करते हुए बताया कि आमतौर पर किसी भी कॉन्फ्रेंस के आयोजन से पहले ही व्यक्ति और विषय का चयन कर लिया जाता है, परन्तु ‘बार कैम्प’ में चीज़ें थोड़ी अलग होंगी | इसमें अन्य महाविद्यालयों से शिरकत कर रहे प्रतिभागी ही इस आयोजन के संचालक, वक्ता और श्रोता होंगे | दूसरे शब्दों में कहें तो यह आयोजन एक ऐसा मंच प्रदान करेगा जहाँ विभिन्न क्षेत्रों में रूचि रखने वाले प्रतिभागी एक दूसरे के साथ अपने ज्ञान का आदान-प्रदान करेंगे | इसमें अनेक विषयों पर चर्चाएँ होंगी, वाद-विवाद होगा, प्रस्तुतियाँ होंगी और नवीन विचारों को पनपने का मौका मिलेगा | ए.सी.एम. के संयोजक मयंक ने हमें बताया कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों में ज़रुरी है जागरूकता, जिज्ञासु प्रवृत्ति तथा नवीन विचारों को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने की कला | यह एक ऐसा अवसर है जब हर व्यक्ति बहुत कुछ नया सीख और सिखा सकता है |
      रविवार, 27 मार्च को होने वाले इस कार्यक्रम के लिए प्रतिभागी ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, हांलाकि उसी दिन आयोजन स्थल पर भी रजिस्ट्रेशन होते रहेंगे | यूँ तो विषय उसी वक्त चुने जायेंगे परन्तु प्रतिभागियों की सहायता हेतु ए.सी.एम. ने अपने वेब पेज पर कुछ विषय लिखे हैं जैसे “इन्टरनेट तकनीक”, “मीडिया”, “व्यापार और कला” आदि जिनसे प्रतिभागियों को एक अनुमान लग जाये कि किस प्रकार के विषय इस कार्यक्रम में प्रस्तुत किये जा सकते हैं| इसके अतिरिक्त और अधिक जानकारियों के लिए प्रतिभागी ‘फेसबुक’, ’ट्विटर’ और ‘विकीपीडिया’ पर ‘बार कैम्प’ की वेबसाइट्स देख सकते हैं|
      अतः यह तो सुनिश्चित है कि ‘बार कैम्प’ जैसे अद्वितीय और अनूठे आयोजन की सफलता से अपोजी-2011 एक नए और बेहतर स्तर पर विराजमान हो जायेगा| अब इंतज़ार है तो बस उस घड़ी का जब यह अतिअपेक्षित महोत्सव प्रारंभ होगा और कामयाबी के नए आयाम स्थापित करेगा|

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