Sunday, September 5, 2010

मरुधरा नाईट - "रंगबरी"

अगस्त माह के प्रारम्भ से ही बिट्स कैम्पस में चारों ओर यह चर्चा आम थी कि इस सत्र की पहली असॉक नाइट कितनी प्रभावशाली और मनोरंजनकारी होगी | अंततः जब 26 अगस्त की रात को 8 बजे “मरुधरा” की सांस्कृतिक नाईट “ रंगबरी ” आरम्भ हुई तो आशा अनुरूप एक बड़ी जनसंख्या इस समारोह को देखने पहुँची |

समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व एस.डब्ल्यू. डी. डीन - श्री बी.वी.बाबू के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया | इसके पश्चात प्रकाश व चिराग ने “बिन तेरे” गीत से इस नाईट की धमाकेदार शुरुआत की | तत्पश्चात् “आई हेट लव स्टोरीज़’’ पर किये गए नृत्य ने सम्पूर्ण सभागार को प्रफुल्लित और आह्लादित कर दिया |

आरम्भ में कलाकारों, मुख्यतः प्रथम वर्ष के कलाकारों के मन में हिचकिचाहट और भय साफ़ नज़र आ रहा था क्योंकि इतनी बड़ी बिट्सियन जनता के समक्ष गलतियों की गुंजाइश न्यून करना काफी कठिन होता है परन्तु फिर भी मंच पर कलाकारों की परिपक्वता दर्शनीय थी तथा जिस सम्पूर्णता के साथ वे अपने हुनर की प्रस्तुति कर रहे थे , वह वास्तव में सराहनीय थी |

कुछ और बेहतरीन मंचनों के बाद समय था “चाचू” माईम का | हालांकि पूरी माईम में दोहरे अर्थ वाले अनेक वाक्यांशों का प्रयोग किया गया था लेकिन इसके मंचन के दौरान और पश्चात् जनता ने अपने मनोरंजन का प्रमाण अपनी अविरल तालियों से दिया | फिर मंच पर आई “चिराग” और “निशांत” की जोड़ी ; जिन्होंने महान पार्श्व-गायक मो. रफ़ी के कई ऐतिहासिक गानों पर गायन और वादन की जो छटा पेश की, वो भुलाई नहीं जा सकती | मनोरंजन के इस कारवां को बढ़ाने का काम किया “बेव- 3डी” और “फर्स्ट लव” नामक प्रस्तुतियों ने | बीच बीच में जनता ने “इन्क़लाब ज़िंदाबाद” और “भारत माता की जय” जैसे नारे लगाकर पूरे ऑडी में देशभक्ति की एक लहर सी दौड़ा दी |

“स्टेप अप” पर किये गए शानदार हिप- हॉप नृत्य ने तो जैसे पूरे समां को एक पल के लिए थाम सा लिया | इस प्रस्तुति पर पूरी दर्शक-दीर्घा खुशी से झूम उठी | इसके बाद निशांत, अंकुर और समग्र की तिकड़ी ने जब ‘आयशा’ फ़िल्म का “शाम” नामक गीत गाया तो उसकी प्रशंसा तहेदिल से हुई और पूरी जनता ने उनके साथ “पारा – पारा” गाते हुए उनका भरपूर साथ दिया |

दिल तो बच्चा है जी” पर स्वप्निल, रॉबिन और सुरभि द्वारा किये गए नृत्य को भी काफी सराहा गया |

कुल मिलाकर सत्र की पहली “नाईट” काफी मनोरंजनकारी सिद्ध हुई | महज़ 25 दिनों के अंदर ही तैयारियां करके मरुधरा ने यह काबिले-तारीफ़ नाईट प्रस्तुत की और अंततोगत्वा बिट्स में होने वाली विभिन्न साँस्कृतिक गतिविधियों का प्रथम अध्याय सफलतापूर्वक समाप्त हो गया |

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