Sunday, January 22, 2012




एच.सी. वर्मा का बिट्स आगमन

       एन.एस.एस. और निर्माण द्वारा आयोजित “धिति” के अंतर्गत बिट्स आए प्रॉफ़ेसर एच.सी. वर्मा ने 21 जनवरी की शाम ऑडिटोरियम में अपना लेक्चर दिया| तकरीबन सभी छात्र-छात्राओं ने अपने विद्यालयों में वर्मा जी की प्रख्यात पुस्तकों को पढ़ रखा है और जब ऐसी शक्सियत ने हमारे बीच शिरकत की तो कैम्पस का वातावरण मंत्रमुग्ध हो उठा|

वर्तमान में डॉ. वर्मा आई.आई.टी. कानपुर में कार्यरत हैं| गौरतलब है कि वर्मा जी प्रायः बिड़ला पब्लिक स्कूल के आमंत्रण पर पिलानी आए थे| इसी के चलते एन.एस.एस. और निर्माण ने प्रो. अंशुमन दाल्वी (जिन्होंने अपनी पी.एच.डी. वर्मा सर के सानिध्य में आई.आई.टी. कानपुर से की थी) के माध्यम से उनको बिट्स में भी आमंत्रित किया|
आदरणीय वर्मा जी ने जिज्ञासु छात्रों व् शिक्षकों से भरे ऑडिटोरियम में लोगों को सर्वप्रथम भारत की विज्ञान जगत एवं अन्य उपलब्धियों से रूबरू कराया| तत्पश्चात उन्होंने भविष्य में आने वाली कठिनाइयों पर काफी ज़ोर दिया| उन्होंने हालाँकि भारत की शिक्षा प्रणाली पर करारा प्रहार किया और कहा कि यह भारत के विकास की सबसे बड़ी रुकावट है| उन्होंने युवाओं को यह सन्देश दिया कि वे अधिक से अधिक संख्या में एन.एस.एस., निर्माण एवं ‘शिक्षा सोपान’ जैसी संस्थाओं से जुड़ें और राष्ट्रहित में कार्य करें|
उन्होंने बताया की शिक्षा के साथ समाज सेवा की प्रेरणा उन्हें लोगों से ही मिलती है| उन्होंने कहा कि सभी को अपने सिद्धांत कभी नहीं भूलने चाहिए और स्वयं की प्रगति के साथ-साथ देश, समाज एवं मानवता की प्रगति के लिये भी तत्परता के साथ कार्यशील रहना चाहिए| आरक्षण के गंभीर मुद्दे पर भी आवाज़ उठाते हुए श्री वर्मा जी ने बताया कि वे इस सम्पूर्ण प्रणाली से नाखुश हैं और इसका विरोध करते हैं| उनके अनुसार आरक्षण के चलते श्रेष्ठतम विश्वविद्यालयों में काबिल और होनहार विद्यार्थियों को दाखिला नहीं मिल पता है और यह देश-हित के विरुद्ध है |
अपने बीते दिनों को याद करते हुए वर्मा जी ने बताया कि अपनी प्रख्यात पुस्तक एच.सी.वर्मा को पूरा करने में उन्हें 9 वर्ष लग गए| इस दौरान कई लोगों ने उनका विरोध भी किया परन्तु उन्होंने इस अत्यंत प्रचलित पुस्तक को अंजाम तक पहुँचा कर ही दम लिया| डॉ. एच.सी. वर्मा का यह बिट्सियन दौरा सभी के लिए एक यादगार अनुभव सिद्ध हुआ|




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