कोरीओ
कोरीओ को बारे में आपको जानकारी दे दें की यह एक ऐसा नृत्य इवेंट है जिसमें शायद सभी टीमें सबसे ज़्यादा मेहनत करती है | इसमें टीमों को खुली छुट होती है कि आप अपना गाना चुनें और अपने तरह से नृत्य करें |
यह कार्यक्रम को हास्य कवि सम्मलेन के साथ अदला बदली कर दिया गया था क्योंकि श्री सुरेन्द्र जी और श्री शम्भू शिखर जी को आगे के कार्यक्रम के लिए जाना था | खैर जब यह कार्यक्रम के लिए हम ऑडी में पहुंचे तो लोगों ने गज़ब का स्वागत किया | चारों तरफ़ हवाई जहाज उड़ रहे थे [कागजों वाला] | शायद पूरी जनता ओएसिस के मुख्य अतिथि की बातों से प्रभावित हो गए थे | उन्होंने अपने स्वागत भाषण में बाते था कि उनके समय में ऐसा काफ़ी हुआ करता था |
तो इसके बाद एक से बढ़ कर एक कार्यक्रम शुरू हुए और सभी कॉलेजों ने ज़बरदस्त प्रदर्शन दिया | लोगों ने हर भावनाओं को अपने नृत्य के जरिये प्रस्तुत करने की कोशिश की और सफल भी रहे |
कुछ बचपन को, तो कुछ यौवन को अपने नृत्य के जरोये दर्शा रहे थे | बिट्स ने "रेन ऑफ़ टेरर" नाम से अपनी प्रस्तुति दी जिसमें 11 सितम्बर को केंद्रित करके नृत्य प्रस्तुति हुई | डांस क्लब की प्रस्तुति काफ़ी प्रशंसनीय रही |
पूरी तरह से कहें तो सभी के प्रदर्शन अच्छे रहे और सभी को हमारी तरफ़ से हार्दिक शुभकामनाएं |
राज़मटाज़
राज़मटाज़ - यह इवेंट के लिए बस जनता का एन्थु देखते ही बनता था | कोरीओ के बाद यह इवेंट सुबह 4:00 बजे शुरू हुआ और जनता की भीड़ पूरे ऑडी को घेरे हुए थी | खैर सभी इंतज़ार के बाद जब यह शुरू हुआ तो स्टेज पर कुल 6 टीमों ने हिस्सा लिया और अपनी प्रस्तुति दी | इसमें कुल 3 राउंड थे | पहले राउंड में अपनी प्रस्तुति देनी थी | दूसरे राउंड में गानों को बदला जा रहा था और प्रतिभागियों को गानों के अनुसार अपने नृत्य में परिवर्तन लाना था | इस राउंड में एक समय में कम से कम 3 लोगों को स्टेज पर रहना था | यह काफ़ी मजेदार रहा लेकिन 2 टीमों को इसमें काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा | फ़िर भी इतने बड़े मंच पर उनका प्रयास काफ़ी सराहनीय रहा | तीसरे राउंड में सभी टीमों को 1-1 "प्रॉप्स" दिए गए जैसे की थाली, तकिया, लाठी, छाता, इत्यादि | इसमें प्रतियोगियों को अपने प्रॉप्स का इस्तेमाल करके किसी एक गाने पर नाचना था | सब कुछ वहीं स्टेज पर सोच कर उस पर नाचने पर निर्भर कर रहा था | दर्शकों ने इस राउंड का खूब आनंद उठाया और सभी टीमों ने इसमें काफ़ी अच्छी प्रस्तुति दी | कभी नांव तो कभी चापाकल बनाकर उन्होंने इस राउंड में अपनी रचनात्मकता को दर्शाया | राज़मटाज़ सुबह 6:15 पर ख़त्म हुआ |
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