Monday, August 22, 2011

महासचिव पद के प्रत्याशी : रोहित गर्ग


 रोहित गर्ग
2009A3PS204P
BD 236
प्रपोज़र - हिमांशु आहूजा
सेकेंडर - ऋषभ गुप्ता


एच.पी.सी : नेतृत्व में अभी तक के अपने अनुभवों के बारे में बताएँ ?
रोहित : प्रथम वर्ष में आर.पी.ए मेस-प्रतिनिधि तथा एन.एस.एस में पिछले साल सह-समन्वयक के रूप में और इस साल समन्वयक के रूप में मुझे अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का अवसर मिला है |
एच.पी.सी : आप के हिसाब से आप में ऐसी क्या योग्यता है, जिसके बल पर आप अपने आप को 4000 बिट्सियन जनता का प्रतिनिधित्व करने के काबिल मानते हैं ?
रोहित: मेरा इतना आकर्षक व्यक्तित्व नहीं होने के बाद भी मैं अपने आप को इस पद के योग्य मानता हूँ क्योंकि मुझमे मेहनत करने की श्रमता है और मैं एक सच्चा बिट्सियन हूँ !
एच.पी.सी : आपने अब तक कितनी जी.बी.एम मीट्स में भाग लिया है?
रोहित: 4-5
एच.पी.सी : क्या आपको लगता है ‘ऑडी रैगिंग’ के बाद आपकी चुनावी स्थिति में कोई खास अंतर आया है?
रोहित : ‘ऑडी रैगिंग’ के बाद कोई खास फ़र्क तो नहीं पड़ा है, लेकिन मुझे इस बात का खेद है कि ई.सी. ने मुझसे अधिक सवाल नहीं किये और विद्यार्थी मेरी योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक नहीं जान पाए |
एच.पी.सी : अगर आप चुनाव जीत जाते हैं, तो अपनी किस बात पर सबसे पहले अमल करेंगे?
रोहित : हमारी 15 दिन के भीतर “लौंड्रोमैट  को शुरू करने की योजना है| इसके लिए अक्षय के पीछे एक स्थान निर्धारित किया गया है जहाँ एक ऑपरेटर तय-शुदा समय पर कपड़े लेगा और अगले दिन तक वापस कर देगा | इसमें विद्यार्थी को रु. 4 प्रति कपड़ा खर्च उठाना पड़ेगा | प्रारंभिक खर्च रु. 50 प्रति छात्र पड़ेगा |
एच.पी.सी : ऑटोरिक्शा की कीमत नियंत्रित करने के अपने वादे को आप किस तरह पूरा करेंगे ?
रोहित : हर ऑटोरिक्शा चालक को पंजीकरण के पश्चात् पहचान पत्र दिया जायेगा और हर ऑटो में लागत चार्ट चिपकाया जाएगा | जो ऑटोरिक्शा चालक निर्धारित कीमत से अधिक कीमत लेगा, उसका पंजीकरण निरस्त कर दिया जायेगा | इस बारे में इंस्टिट्यूट और ऑटोरिक्शा चालकों, दोनों से बात की जा चुकी है |
एच.पी.सी : आई.ए.एस कोचिंग के लिए किये गये अपने प्रयासों की परिचर्चा कीजिये |
रोहित : इस संदर्भ में दिल्ली की लॉर्ड कृष्णा आई.ए.एस अकैडमी से बात की गयी है | वहाँ से शिक्षक आकर हर शनिवार-रविवार क्लास लेंगे | इसके लिए इंस्टिट्यूट से अनुमति भी ले ली गई है |
एच.पी.सी : अपने घोषणा-पत्र में अंकित ‘टैलेंट शेयरिंग के बिंदु को थोड़ा विस्तार में बताएँ | इस तरह की वर्कशॉप पहले से ही कैम्पस में आयोजित की जाती रहीं हैं, आप क्या नया करने वाले हैं?
रोहित : अब तक आयोजित वर्कशॉप में, वर्कशॉप लेने वाले व्यक्ति को ही कमरा बुक करवाने से लेकर वर्कशॉप के प्रचार तक की जिम्मेदारी देखनी पड़ती थी जबकि अब सारा प्रबंध स्टूडेंट यूनियन देखेगा | पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थी भी अपनी पसंद की वर्कशॉप की माँग रख सकेंगे|
एच.पी.सी : ओएसिस और अपोजी के लिए कोई नई योजनायें ?
रोहित : पिछले दो वर्षों से मैं इन कार्यकर्मों को देखता आया हूँ और एक कमी जिसने मेरा ध्यान आकर्षित किया, वो है अवशिष्ट प्रबंधन; जैसे की प्लास्टिक बोतल की जगह डिस्पोज़ेबल ग्लास का प्रयोग | अपना पूर्ण योगदान देकर मैं इन कार्यक्रमों को एक नए रूप में पेश करना चाहता हूँ |
एच.पी.सी : बिट्सियन जनता से आप और कुछ कहना चाहेंगे?
रोहित: मैं हर बिट्सियन से खासकर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों से यही कहना चाहूँगा कि वो अपना वोट किसी के कहने भर से न दें | अपना कीमती वोट अच्छे से सोच-विचार करने के बाद ही दें |

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